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Rajasthan Election: राजस्थान में चुनाव के दौरान एक ऐसा भी वक्त आया जिसमें बागी नेता निर्दलीय प्रत्याशी के तौर पर चुनावी मैदान में उतर आए। इसके कारण पार्टी के चुने हुए प्रत्याशी के वोट पर खतरा मंडराने लगा। जिसके बाद पार्टी के कई दिग्गज नेता मान-मनौव्वल के लिए सामने आए। जिनके सामने निर्दलीय प्रत्याशियों ने घुटने टेक दिए और फिर चुनाव में उन्हें समर्थन देने का ऐलान कर दिया।
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इस तरह वसुंधरा, गहलोत और पायलट की राह हुई आसान
इन नेताओं में सबसे बड़ा नाम राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, पूर्व सीएम वसुंधरा राजे, और पूर्व डिप्टी सीएम सचिन पायलट का हैं। इन दिग्गजों के सामने खड़े प्रत्याशियों ने एन वक्त उन्हों राहत देते हुए इन्हें समर्थन देने का ऐलान कर दिया है। निर्दलीय प्रत्याशियों के पीछे हटने से यकीनन इन दिग्गज नेताओं की राह आसान हो गई है। इससे पार्टी के वोटों का बंटवारा नहीं होगा जिसका फायदा पार्टी के प्रत्याशी को मिलेगा।
- अशोक गहलोत
राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत 1998, 2008 और 2018 में तीन बार सीएम बने। गहलोत ने 1977 में जोधपुर के सरदारपुरा विधानसभा क्षेत्र से चुनाव लड़कर अपनी राजनीतिक पारी की शुरुआत की थी। बता दें कि यह उनकी परंपरागत सीट है। इस बार भी वे जोधपुर की सरदारपुरा विधानसभा सीट से ही चुनावी मैदान में उतरे हैं। हालांकि उनके सामने निर्दलीय नामांकन करने वालों में कोई बड़ा नाम तो नहीं था, मगर यह तो तय था कि उन्हें कुछ वोटों का नुकसान जरूर होता। मगर गहलोत 4 निर्दलीय प्रत्याशियों शनाज बैनन, महेश, दीपक मंत्री और सुरेश को मना लिया।
- वसुंधरा राजे
राजस्थान की पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे झालावाड़ की झालरापाटन विधानसभा सीट से विधायक हैं, और इस बार भी पार्टी ने उन्हें इसी सीट से टिकट दिया है। झालरापाटन से राजे के सामने इस बार पार्टी में सक्रिय रहने वाले शैलेन्द्र यादव और अजय कुमार ने निर्दलीय के तौर पर नामांकन भरा था। लेकिन बाद में राजे के आग्रह पर दोनों ने ही अपना नामांकन वापस ले लिया।
- सचिन पायलट
राजस्थान के पूर्व डिप्टी सीएम और वर्तमान में विधायक सचिन पायलट को कांग्रेस ने टोंक से अपना प्रत्याशी बनाया है। पिछले चुनाव में वे बीजेपी के यूनुस खान को हराकर रिकॉर्ड मतों से विजयी हुए थे। मगर इस बार जैसे ही टिकट के लिए पायलट के नाम की घोषणा हुई वैसे ही आधा दर्जन प्रत्याशियों ने निर्दलीय के तौर पर नामांकन दाखिल कर दिए। बाद में पायलट के आग्रह पर नियामुद्दीन, रसीद खान, मोहम्मद उमर, अहमद कादिर और अख्तियार ने अपना नाम वापस ले लिया।
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