
Rajasthan High Court: राजस्थान हाईकोर्ट ने अलवर के थानागाजी गैंगरेप मामले में आजीवन कारावास की सजा भुगत रहे अभियुक्त इंद्रराज को पत्नी की डिलीवरी और देखभाल के लिए 30 दिन की आकस्मिक पैरोल (Emergency Parole) पर रिहा करने का आदेश दिया है. अदालत ने यह फैसला अभियुक्त की पत्नी द्वारा दायर याचिका पर सुनवाई के बाद सुनाया.

अदालत का आदेश
जस्टिस पंकज भंडारी और शुभा मेहता की खंडपीठ ने जेल प्रशासन के उस फैसले को रद्द कर दिया, जिसमें अभियुक्त को पैरोल देने से इनकार कर दिया गया था. अदालत ने कहा कि Parole Rules, 2021 के तहत पत्नी की डिलीवरी के आधार पर कैदी को पैरोल पर रिहा किया जा सकता है.
ये था याचिका का आधार
अभियुक्त की ओर से अधिवक्ता गोविंद प्रसाद ने अदालत को बताया कि उसकी पत्नी गर्भवती है और डॉक्टरों ने प्रसव की संभावित तिथि 21 दिसंबर बताई है. पत्नी की देखभाल के लिए परिवार में कोई और मौजूद नहीं है. ऐसे में अभियुक्त का अपनी पत्नी के साथ रहना जरूरी है.
सरकारी वकील ने की आपत्ति
राज्य सरकार ने याचिका का विरोध करते हुए कहा कि नए पैरोल नियमों के तहत कैदी को पत्नी की डिलीवरी के आधार पर पैरोल का लाभ नहीं दिया जा सकता. हालांकि, अदालत ने मानवीय आधार को प्राथमिकता देते हुए कैदी को पैरोल का लाभ देने का आदेश दिया.
पैरोल की शर्तें
अदालत ने यह भी निर्देश दिया कि पैरोल की अवधि खत्म होने के बाद अभियुक्त जेल प्रशासन के समक्ष Surrender करे.
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