Rajasthan News: राजस्थान के अजमेर जिले में जवाहरलाल नेहरू मेडिकल कॉलेज के डॉक्टरों ने एक अनोखा ऑपरेशन कर 20 वर्षीय युवती के पेट से 16 साल पुराना सिक्का निकालकर उसे जीवनदान दिया. इस सफल ऑपरेशन के बाद इलाके में डॉक्टरों की जमकर तारीफ हो रही है.

युवती, जो पेशे से एक एमआरआई टेक्नीशियन है, जब भी एमआरआई चैंबर में जाती थी, तो उसे पेट में अजीब सी हलचल महसूस होती थी. इस समस्या से वह लगातार परेशान रहने लगी. जब यह समस्या अधिक बढ़ने लगी, तो उसने अपने माता-पिता को इस बारे में बताया. इस पर उसकी मां ने बताया कि उसने 16 साल पहले गलती से एक सिक्का निगल लिया था. चूंकि तब कोई समस्या नहीं हुई थी, इसलिए परिवार ने इस पर ज्यादा ध्यान नहीं दिया और डॉक्टरी सलाह भी नहीं ली.

एंडोस्कोपी के जरिए हुआ सफल ऑपरेशन

मां से यह जानकारी मिलने के बाद युवती ने जवाहरलाल नेहरू मेडिकल कॉलेज के गैस्ट्रोएंट्रोलॉजी विभाग से संपर्क किया. डॉक्टरों ने जब एक्स-रे किया, तो पता चला कि सिक्का अभी भी पेट में मौजूद था. इसके बाद इसे निकालने के लिए मेडिकल टीम ने प्रयास शुरू किए.

विभागाध्यक्ष डॉ. एमपी शर्मा के मार्गदर्शन में चिकित्सकों की टीम, जिसमें डॉ. मनोज कुमार और डॉ. राजमणि शामिल थे, ने एंडोस्कोपी के जरिए सिक्का निकालने में सफलता प्राप्त की. इस प्रक्रिया में डॉ. ऋषभ पाराशर, श्री सुनील चौहान और श्री कैलाश चंद गुर्जर ने भी सहयोग किया. ऑपरेशन के बाद युवती पूरी तरह स्वस्थ है और उसे अस्पताल से छुट्टी दे दी गई है.

चीजें निगलने की घटनाओं को गंभीरता से लें परिजन

विभागाध्यक्ष डॉ. एमपी शर्मा ने बताया कि बच्चों द्वारा सिक्के या अन्य वस्तुएं निगलने की घटनाओं को हल्के में नहीं लेना चाहिए. ऐसी स्थिति में तुरंत डॉक्टर से संपर्क करना जरूरी है. उन्होंने चेतावनी दी कि यदि कोई बाहरी वस्तु लंबे समय तक पेट में रह जाती है, तो यह गंभीर समस्याओं, जैसे कि अल्सर, फिस्टुला या आंतों में रुकावट का कारण बन सकती है.

मैग्नेटिक फील्ड में जाने पर महसूस होता था असर

जवाहरलाल नेहरू मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य डॉ. अनिल सामरिया ने बताया कि युवती जब भी एमआरआई सेंटर के मैग्नेटिक फील्ड में जाती थी, तो उसे पेट में हलचल और दर्द महसूस होता था. एमआरआई टेक्नीशियन बनने के बाद यह समस्या बढ़ने लगी, जिसके बाद उसने डॉक्टर से संपर्क किया. एक्स-रे रिपोर्ट में पता चला कि सिक्का अभी भी पेट में ही है. युवती और उसके परिजनों को लगा था कि सिक्का शौच के जरिए बाहर निकल गया होगा, लेकिन ऐसा नहीं हुआ था.

डॉ. सामरिया ने बताया कि एंडोस्कोपी के जरिए सिक्के को बिना किसी जटिलता के निकाल लिया गया. यह ऑपरेशन दुर्लभ था, लेकिन जटिल नहीं. ऐसे मामले बहुत कम देखने को मिलते हैं. अब युवती पूरी तरह से स्वस्थ है और सामान्य जीवन जी रही है.

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