Rajasthan News: राजस्थान में किसान आंदोलन ने नया मोड़ ले लिया है। प्रदेश के करीब 40,000 से अधिक गांवों के किसान 29 जनवरी को गांव बंद आंदोलन की तैयारी कर रहे हैं। किसान नेताओं ने गांव-गांव जाकर किसानों को इस आंदोलन में शामिल होने तैयार कर लिया है। बता दें कि अब तक 26 जिलों के किसानों ने इस आंदोलन को अपना समर्थन दिया है, और अन्य जिलों में संपर्क जारी है।

हरसोली में किसान महापंचायत का आयोजन
रविवार को अलवर के हरसोली में किसान महापंचायत आयोजित की गई। महापंचायत में किसान नेताओं ने गांव बंद आंदोलन की रणनीति पर चर्चा की। इस सभा में सैकड़ों किसान शामिल हुए।
गांव बंद आंदोलन के प्रमुख बिंदु
- आंदोलन का स्वरूप: किसान गांव से बाहर अपनी फसल या उत्पाद बेचने नहीं जाएंगे। हालांकि, यदि कोई व्यापारी गांव आकर उत्पाद खरीदना चाहे, तो उसे अनुमति होगी।
- शांतिपूर्ण प्रदर्शन: किसान नेता रामपाल जाट ने कहा कि यह आंदोलन पूरी तरह शांतिपूर्ण रहेगा और इसका उद्देश्य किसानों की समस्याओं को सरकार तक पहुंचाना है।
- आपातकालीन स्थिति में छूट: आंदोलन के दौरान रेलगाड़ी, बस या किसी वाहन का इस्तेमाल नहीं किया जाएगा। लेकिन आपातकालीन परिस्थितियों में लोगों को आने-जाने की अनुमति होगी।
आंदोलन से जुड़ी पृष्ठभूमि
रामपाल जाट ने बताया कि किसानों का यह संघर्ष 2010 में दूदू से शुरू हुआ था और अब यह पूरे देश में फैल चुका है। पंजाब और हरियाणा के किसान लंबे समय से धरने पर बैठे हैं, और राजस्थान के किसान भी अपनी मांगों को लेकर गांव बंद आंदोलन की राह पर चल पड़े हैं।
45537 गांवों में प्रभावी होगा आंदोलन
महापंचायत के अनुसार, यह आंदोलन राज्य के 45537 गांवों में लागू होगा। किसान नेता लगातार अन्य किसानों को भी जोड़ने के प्रयास में जुटे हैं।
पढ़ें ये खबरें
- IPL 2025: प्लेऑफ में नहीं दिखेंगे अफ्रीका के यह 8 खिलाड़ी, इन 3 टीमों के लिए सबसे ज्यादा नुकसान
- Bihar News: जम्मू कश्मीर में शहीद हुए जवान रामबाबू सिंह का पार्थिव शरीर पहुंचा पटना एयरपोर्ट, तेजस्वी यादव ने दी श्रद्धांजलि
- मंत्री शाह के विवादित बयान के बाद डैमेज कंट्रोल में जुटी भाजपा: कर्नल सोफिया कुरैशी के घर पहुंचे बीजेपी नेता, बताया देश की बेटी
- PSEB Class 12th Result 2025: 12 वीं के नतीजे आज होंगे घोषित, ऐसे करें चेक
- ड्रैगन की चालबाजीः भारत-पाक टेंशन के बीच चीन ने अरुणाचल प्रदेश में कई जगहों के बदले नाम, भारत बोला- सच नहीं बदलेगा