Rajasthan News: राजस्थान में ओला, उबर और अन्य कंपनियों के कैब चालकों की 8 दिनों से चली आ रही हड़ताल आखिरकार समाप्त हो गई है। 2 जून से शुरू हुआ यह आंदोलन मंगलवार, 10 जून को खत्म हुआ, और अब कैब चालक अपने काम पर लौटेंगे। हड़ताल के दौरान जयपुर और राज्य के अन्य हिस्सों में लोगों, खासकर सैलानियों, को भारी परेशानी का सामना करना पड़ा।

बताया जा रहा है कि सरकार ने कैब चालकों की मांगों पर विचार करने का आश्वासन दिया है, जिसके बाद ड्राइवरों ने हड़ताल खत्म करने का फैसला लिया। हालांकि, कैब चालकों ने 4 सूत्री मांगों को लेकर सरकार को 18 जून तक का अल्टीमेटम दिया है। उन्होंने चेतावनी दी है कि यदि इस अवधि में मांगें पूरी नहीं हुईं, तो वे दोबारा आंदोलन शुरू करेंगे।
चक्काजाम की थी चेतावनी
हड़ताल के दौरान संघर्ष समिति ने सरकार को जयपुर की सड़कों पर चक्काजाम करने की चेतावनी दी थी। समिति का कहना था कि जनता को हो रही असुविधा के बावजूद यह कदम मजबूरी में उठाया गया। ड्राइवरों ने कहा, “हम गाड़ियों की किस्तें नहीं चुका पा रहे, कमाई नहीं हो रही, ऐसे में आंदोलन तेज करना ही एकमात्र रास्ता था।”
कैब चालकों की मुख्य मांगें
कैब चालकों ने अपनी इन समस्याओं को प्रमुखता से उठाया:
- रेटिंग में कमी: राइड न लेने पर कैब चालकों की रेटिंग घटा दी जाती है।
- कम आय: ड्राइवरों को प्रति किलोमीटर 7-8 रुपये मिलते हैं, जो अपर्याप्त है।
- आईडी ब्लॉक: ग्राहकों की छोटी-मोटी शिकायत पर ड्राइवरों की आईडी ब्लॉक कर दी जाती है।
- पेमेंट समस्याएं: ऑनलाइन पेमेंट वॉलेट में अपडेट नहीं होता, और राइड भी हटा दी जाती है।
गिग वर्कर्स कानून पर सवाल
राजस्थान देश का पहला राज्य था, जिसने गिग वर्कर्स के लिए कानून बनाया। हालांकि, दो साल बीतने के बावजूद इस कानून के नियम लागू नहीं हुए हैं, जिससे ड्राइवरों को कोई लाभ नहीं मिल पा रहा। गिग वर्कर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष आशीष सिंह ने कहा, “राजस्थान में गिग वर्कर्स के लिए कानून बनाया गया था, जिसमें शिकायत निवारण और सामाजिक सुरक्षा की व्यवस्था थी। यह एक बेहतरीन समाधान था, लेकिन सरकार इसे लागू नहीं कर रही। अगर यह लागू हो जाए, तो हमारी आधी समस्याएं हल हो सकती हैं।”
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