Rajasthan News: हाल ही में जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले में 26 पर्यटकों की हत्या के बाद भारत सरकार ने कड़ा कदम उठाते हुए सिंधु जल समझौते पर रोक लगा दी है। इसी बीच राजस्थान के शिव से विधायक रविंद्र सिंह भाटी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर इस अवसर का उपयोग करते हुए सिंधु नदी के जल को पश्चिमी राजस्थान की ओर मोड़ने की मांग की है।

भाटी ने क्या लिखा पत्र में?
रविंद्र भाटी ने अपने पत्र में लिखा है कि सिंधु जल समझौता न केवल राष्ट्रीय हितों के विपरीत था, बल्कि इससे देश के नागरिकों में असंतोष और आक्रोश भी था। उन्होंने कहा कि अब इस निर्णय के बाद राजस्थान की सूखी ज़मीनों को जीवनदायिनी जल पहुंचाया जा सकता है।
भाटी ने बताया कि बाड़मेर, जैसलमेर और बालोतरा जैसे जिलों में पीने के पानी और सिंचाई की गंभीर समस्या है। यहां के किसान और पशुपालक बारिश पर निर्भर रहते हैं। उन्होंने इंदिरा गांधी नहर के विस्तार का मुद्दा उठाते हुए कहा कि इस परियोजना को गडरारोड़ तक पहुंचाया जाना चाहिए, जो 44 वर्षों से जल आपूर्ति के अभाव में लंबित है।
नवीकरणीय ऊर्जा हब के लिए भी पानी जरूरी
विधायक भाटी ने यह भी कहा कि पश्चिमी राजस्थान अब एक प्रमुख रिन्यूएबल एनर्जी हब बन चुका है, जहां सोलर प्लांटों की संख्या बढ़ रही है। इन परियोजनाओं के संचालन के लिए पानी की भारी मांग है, जिससे भूजल का अत्यधिक दोहन हो रहा है। उन्होंने आग्रह किया कि सिंधु और इसकी सहायक नदियों के जल को इस क्षेत्र की ओर मोड़ने की नीति बनाई जाए, जिससे आमजन, किसान, पशुपालकों और औद्योगिक क्षेत्रों को राहत मिल सके।
राष्ट्रीय रणनीति का हिस्सा बने जल वितरण
भाटी ने प्रधानमंत्री से आग्रह किया कि सिंधु जल समझौते के रद्द होने के बाद अब इस जल संसाधन का न्यायसंगत पुनर्वितरण हो और राजस्थान के आकांक्षी एवं सीमावर्ती जिलों को इसका लाभ मिले। इससे न केवल क्षेत्रीय विकास होगा, बल्कि यह भारत की जल नीति और आंतरिक सुरक्षा के दृष्टिकोण से भी एक दूरदर्शी कदम साबित होगा।
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