Rajasthan News: जोधपुर. महामंदिर रेलवे स्टेशन के रिजर्वेशन कार्यालय में बुधवार रात ताला तोड़कर तिजोरी से 3 लाख रुपये चुराने वाला कोई बाहरी नहीं, बल्कि रेलकर्मियों का परिचित शख्स ही निकला। आरोपी की पहचान महेश पुत्र राजाराम के रूप में हुई है, जो पार्टियों के लिए टिकट बुकिंग भी करवाता था। चोरी गया पूरा कैश बरामद कर लिया गया हैं।

इस मामले में रेलवे प्रशासन ने प्रथमदृष्टया दोषी पाए जाने पर चीफ बुकिंग सुपरवाइजर राजेंद्रसिंह चौहान को तत्काल निलंबित कर दिया। आरपीएफ और रेलवे की कमर्शियल ब्रांच अब मामले की संयुक्त जांच कर रही है। जांच के बाद ही पूरा खुलासा होगा।

कर्मचारियों पर मिलीभगत का शक, तिजोरी की चाबी टेबल पर मिली

महामंदिर स्टेशन के रिजर्वेशन काउंटर पर कार्यरत चीफ रिजर्वेशन सुपरवाइजर मनीष वर्मा और सस्पेंड राजेंद्रसिंह चौहान गुरुवार सुबह कार्यालय पहुंचे। उन्होंने सफाई कर्मचारी को बुलाकर ताला खुलवाया और अफसरों को गुमराह करने के लिए टूटे ताले की फोटो खींची। दोनों ने चोरी की झूठी कहानी गढ़ी और सफाई कर्मचारी पर सच्चाई छिपाने का दबाव बनाया।

आरपीएफ को शुरू से ही मिलीभगत का अंदेशा था। तिजोरी की चाबी टेबल पर पड़ी मिली, जबकि कार्यालय में कोई तोड़फोड़ या छेड़छाड़ के निशान नहीं थे। आरपीएफ थाना प्रभारी निरीक्षक लक्ष्मण गौड़ के नेतृत्व में गठित टीम ने पाया कि दो दिन की टिकट बिक्री से आए 3 लाख रुपये गायब थे। इससे साफ हुआ कि चोरी अंदरूनी व्यक्ति ने ही की।

महेश लंबे समय से महामंदिर स्टेशन पर टिकट बुकिंग के सिलसिले में आता-जाता था। वह नशे का आदि है और कर्ज तले दबा था। बुकिंग बाबुओं का भरोसा जीतकर उसने आरक्षण कार्यालय की चाबियों की डुप्लिकेट चाबी बनवा ली थी। नियम के मुताबिक कैश रोजाना जमा करना होता है, लेकिन दो दिन तक तिजोरी में छोड़ना अपने आप में संदिग्ध हैं। रेलवे प्रशासन मनीष वर्मा और राजेंद्रसिंह चौहान के महेश से रिश्तों की विभागीय जांच कर रहा है। दोनों के खिलाफ कार्रवाई जारी है।

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