Rajasthan News: राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने एक बार फिर राजनीति में सक्रियता दिखाते हुए हरियाणा विधानसभा चुनाव में कांग्रेस की जीत का दावा किया। उन्होंने कहा कि हरियाणा में कांग्रेस का माहौल बेहद अनुकूल है और पार्टी एकतरफा जीत दर्ज करेगी। इसके साथ ही गहलोत ने केंद्रीय मंत्री रवनीत सिंह बिट्टू की विवादित टिप्पणी पर प्रतिक्रिया देते हुए उसकी भाषा की कड़ी निंदा की और अफसोस जताया कि पार्टी के किसी भी नेता ने इस पर असहमति नहीं जताई।

पहली बार ऐसी भाषा सुन रहा हूं
राहुल गांधी पर हो रही विपक्षी नेताओं की बयानबाजी को लेकर गहलोत ने कहा कि देश में जानबूझकर हिंसा का माहौल बनाया जा रहा है। रवनीत सिंह बिट्टू की टिप्पणी पर प्रतिक्रिया देते हुए गहलोत ने कहा, “अपने जीवन में पहली बार मैं ऐसी भाषा सुन रहा हूं। भाजपा से जुड़े नेता इस तरह की भाषा का प्रयोग कर रहे हैं, लेकिन भाजपा या आरएसएस की तरफ से कोई प्रतिक्रिया तक नहीं आई है।”
उन्होंने यह भी कहा, “दुख की बात यह है कि अगर कोई गलत बयान देता है, तो भारतीय जनता पार्टी के शीर्ष नेता प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह, और पार्टी अध्यक्ष जेपी नड्डा में से किसी ने भी इसकी निंदा नहीं की। यहां तक कि यह भी नहीं कहा कि यह गलत है और हम इससे सहमत नहीं हैं।”
‘देश में हिंसा का माहौल बनाया जा रहा है’
गहलोत ने आगे कहा, “मैंने अपने जीवन में पहली बार देखा है कि इस प्रकार का माहौल बनाने का प्रयास हो रहा है। देश में हिंसा और अस्थिरता का माहौल बनाया जा रहा है, और यह किसी भी दृष्टिकोण से सही नहीं है। सत्ता में बैठे लोग चुप हैं, और उन्हें इस पर देश को जवाब देना चाहिए।”
नए जिलों पर भाजपा सरकार को घेरा
पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार द्वारा गठित नए जिलों की समीक्षा पर गहलोत ने कहा कि नए जिलों का गठन पूरी तरह से अध्ययन और परीक्षण के बाद किया गया था। उन्होंने कहा, “राजस्थान में छोटे जिलों का गठन एक प्रयोग के तौर पर किया गया था, और अभी भी और जिलों की आवश्यकता है ताकि आम लोगों को प्रशासनिक कार्यों के लिए दूर न जाना पड़े। भाजपा सरकार को इस पर पुनर्विचार करने की जरूरत है।”
गहलोत ने अपने बयान से साफ कर दिया कि वे राज्य की मौजूदा भाजपा सरकार और उसके नेताओं के रवैये से पूरी तरह असहमत हैं। उनका मानना है कि हिंसा और असहमति की इस राजनीति को रोकने के लिए सत्ताधारी पार्टी को जिम्मेदारी के साथ कदम उठाना चाहिए।
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