Rajasthan News: राजस्थान के बाड़मेर जिले को प्रथम जल संचय जन भागीदारी (जेएसजेबी) पुरस्कार मिला है. विज्ञान भवन में हुए राष्ट्रीय जल पुरस्कार 2025 समारोह में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने बाड़मेर की कलेक्टर टीना डाबी को प्रथम जल संचय जन भागीदारी पुरस्कार दिया. यह सम्मान जल शक्ति मंत्रालय की ओर से दिया गया और इसके साथ 2 करोड़ रुपये की पुरस्कार राशि भी शामिल है.

कैच द रेन व्हेयर इट फॉल्स व्हेन इट फॉल्स अभियान के तहत जिले में जिस तरह से काम हुआ, उसने पूरे देश का ध्यान खींचा है. बड़ी बात यह रही कि बारिश का पानी जमीन पर बिखर कर नष्ट न हो, इसके लिए हजारों पुराने टांकों, तालाबों, बावड़ियों और छत से जल संग्रहण की संरचनाओं को फिर से तैयार किया गया. कई जगह नई जल संरचनाएं भी बनाई गईं.

इन प्रयासों का असर यह हुआ कि अब गांवों में लोगों के पास 3 से 4 महीने तक मीठा वर्षा जल उपलब्ध रहने लगा है. पहले यही पानी बेकार बह जाता था. यही कारण है कि बाड़मेर को देशभर के जिलों में प्रथम श्रेणी में चुना गया और सर्वोच्च पुरस्कार दिया गया.

राष्ट्रीय जल पुरस्कारों की इस सूची में कुल 100 विजेताओं का ऐलान हुआ है जिसमें 3 राज्य, 67 जिले, 6 नगर निगम और कई अन्य श्रेणियां शामिल हैं. राजस्थान से एक और नाम खास तौर पर सामने आया सीकर जिले के जेठवा के बास के बजरंग लाल जेठू.

बजरंग लाल जेठू को राष्ट्रपति के हाथों जल संरक्षण में व्यक्तिगत श्रेणी के लिए राष्ट्रीय पुरस्कार मिला. पश्चिम क्षेत्र से व्यक्तिगत श्रेणी में इस साल सिर्फ एक ही विजेता चुना गया और वह जेठू बने. वे लंबे समय से जल संरक्षण, पारंपरिक तकनीकों के पुनरुद्धार और स्थानीय नवाचारों पर लगातार काम कर रहे हैं.

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