Rajasthan News: जयपुर. चुनाव खत्म होने के साथ ही राजस्थान की भजनलाल सरकार ने बड़ा निर्णय किया है. सरकार ने पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के समय सरकारी विभागों में हुई भर्तियों की जांच करवाने का निर्णय किया है. इसके लिए कार्मिक विभाग ने उन सभी विभागों को पत्र लिखा है, जिनमें पिछले 5 साल में कर्मचारियों की भर्तियां हुई हैं.

सिलेक्ट हुए अभ्यर्थियों के शैक्षणिक दस्तावेजों की जांच की जाएगी. इसके लिए हर विभाग में एक इंटरनल कमेटी बनाए जाने के निर्देश दिए हैं. कार्मिक विभाग के प्रमुख शासन सचिव हेमंत गेरा ने जारी किए आदेशों में लिखा है कि पिछले कुछ सालों में जो भर्तियां हुई हैं, उसमें प्रस्तुत फर्जी शैक्षणिक दस्तावेज और डमी कैंडिडेट के मामले खूब सामने आए हैं. इस तरह से कई नौकरियां लोगों ने हासिल कर ली.

मामले की गंभीरता को देखते हुए हर विभाग, जिनके यहां पिछले 5 साल में भर्तियां हुई हैं, वह अपने यहां एक इंटरनल कमेटी बनाए और सिलेक्ट अभ्यर्थियों के शैक्षणिक दस्तावेजों की जांच करें. इसके साथ ही ये भी जांच करें कि परीक्षा देने वाला और नौकरी जॉइन करने वाला व्यक्ति एक ही है. इसके लिए आवेदन पत्र, फोटो, हस्ताक्षर, शैक्षणिक दस्तावेज समेत तमाम जांच की जाए. अगर किसी अभ्यर्थी के दस्तावेज या भर्ती संबंधी सूचनाएं संदिग्ध पाई जाए तो इसकी सूचना एसओजी को दें.

एसओजी पीटीआई भर्ती सहित अन्य परीक्षाओं में फर्जी डिग्रियों, डमी कैंडिडेट मामलों की जांच कर रही है. एसओजी ने पिछली भर्तियों में मुख्य तौर पर बाहरी राज्यों से लाई गई डिग्रियों सहित खेल सर्टिफिकेट और अन्य दस्तावेजों के वेरिफिकेशन करने की बात कही है. एसओजी ने अब तक 30 एफआईआर दर्ज की है. इनमें 24 एफआईआर तो डमी कैंडिडेट बिठाकर परीक्षा पास करने की है.

पांच साल में हुई 2.40 लाख पदों पर भर्तियां

अशोक गहलोत के शासन काल में 5 साल के दौरान 5546 पीटीआई, 10 हजार कंप्यूटर अनुदेशक, 9760 वरिष्ठ अध्यापक, 3 हजार सीईटी स्नातक स्तर, 6000 स्कूल व्याख्याता, 460 लाइब्रेरियन, 3531 सीएचओ सहित करीब 2.40 लाख पदों पर भर्तियां निकाली हैं. कई भर्तियों का परिणाम आना बाकी है. 5 साल में पेपर लीक होने के प्रकरण भी काफी आए, जिनमें लाइब्रेरियन ग्रेड थर्ड, कनिष्ठ अभियंता सिविल, रीट 2021, पुलिस कॉन्स्टेबल 2021, वनरक्षक, व. अध्यापक ग्रुप ए, बी, सी परीक्षाओं के पेपर आउट हुए थे.

ये खबरें भी जरूर पढ़ें