Rajasthan News: राजस्थान के झालावाड़ में स्कूल भवन गिरने की दर्दनाक घटना के बाद राज्य सरकार ने शिक्षा विभाग को लेकर सख्त रुख अपनाया है। रविवार को सरकार ने बड़ा फैसला लेते हुए आदेश जारी किया है कि अब शिक्षा विभाग के अधिकारी और कर्मचारी अगले आदेश तक अवकाश नहीं ले सकेंगे। यह फैसला सीधे तौर पर हादसे की गंभीरता और भविष्य में ऐसे मामलों को रोकने के लिए उठाया गया है।

शिक्षा निदेशक ने जारी किया सख्त आदेश

प्रारंभिक और माध्यमिक शिक्षा निदेशक सीताराम जाट की ओर से जारी आदेश में कहा गया है कि राज्य के सभी स्कूलों में भवनों की सुरक्षा जांच और विद्यार्थियों की सुरक्षा सर्वोच्च प्राथमिकता है। इसलिए बिना पूर्व अनुमति के कोई भी अधिकारी या कर्मचारी अवकाश पर नहीं जाएगा और मुख्यालय नहीं छोड़ेगा।

शिक्षा मंत्री ने की उच्च स्तरीय बैठक, सर्वे का ऐलान

रविवार को शिक्षा मंत्री मदन दिलावर ने विभाग के शीर्ष अधिकारियों के साथ बैठक की। बैठक में तय हुआ कि प्रदेश के सभी स्कूलों का जिला कलेक्टरों के माध्यम से तत्काल सर्वे कराया जाएगा। इस सर्वे में स्कूल भवनों की स्थिति, मरम्मत की ज़रूरत और संभावित जोखिमों की पहचान की जाएगी।

जर्जर भवनों पर लाल निशान, कंटेनर में लगेंगी कक्षाएं

सर्वेक्षण के बाद जो भी स्कूल भवन जर्जर पाए जाएंगे, उन्हें तुरंत बंद किया जाएगा और लाल रंग से चिह्नित किया जाएगा। ऐसे भवनों को प्राथमिकता से तोड़ा जाएगा और छात्रों के लिए वैकल्पिक रूप से कंटेनर क्लासरूम की व्यवस्था की जाएगी। आवश्यकता पड़ने पर नए भवनों में भी कंटेनर क्लास की योजना बनाई जाएगी।

हर कक्षा की रिपोर्ट तलब, जीआईएस टैगिंग ऐप भी तैयार होगा

शासन सचिव कृष्ण कुणाल ने सभी स्कूलों की एक-एक कक्षा की भौतिक रिपोर्ट 30 जुलाई तक मांगी है। इसके अलावा विभाग को निर्देश दिए गए हैं कि जर्जर भवनों की निगरानी के लिए एक जीआईएस टैगिंग आधारित मोबाइल ऐप तैयार किया जाए, जिससे स्कूल भवनों की निगरानी और स्थिति का रियल टाइम अपडेट मिल सके।

हादसे के बाद ताबड़तोड़ एक्शन में सरकार

झालावाड़ हादसे में सात बच्चों की मौत के बाद सरकार ने जांच रिपोर्ट आते ही कई अधिकारियों को निलंबित कर दिया था। अब छुट्टी पर रोक और स्कूल भवनों के सर्वे जैसे सख्त फैसलों से साफ है कि सरकार पूरे मामले को लेकर गंभीर है और भविष्य में इस तरह की घटनाओं से बचने के लिए चौकन्ना हो चुकी है।

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