Rajasthan News: राजस्थान सरकार ने ग्रामीण विकास की दिशा में एक बड़ी पहल करते हुए राज्य के 5000 गांवों को ‘गरीब मुक्त’ बनाने का लक्ष्य तय किया है। इसके लिए ‘पंडित दीनदयाल उपाध्याय गरीबी मुक्त गांव योजना’ की शुरुआत की गई है, जिसके पहले चरण में 300 करोड़ रुपये का बजट निर्धारित किया गया है। योजना के तहत बीपीएल परिवारों को स्वरोजगार और आजीविका से जुड़ी गतिविधियों के लिए 1 लाख रुपये तक की सहायता दी जाएगी।

पहले चरण में 5002 गांव और 30,631 बीपीएल परिवार चिन्हित
योजना के पहले चरण में राज्य के 5002 गांवों में 30,631 बीपीएल परिवारों की पहचान की गई है। इनका भौतिक सर्वे पूरा हो चुका है और बीपीएल जनगणना 2002 के आंकड़ों से मिलान कर उन्हें पोर्टल पर इन्द्राज किया गया है। इन परिवारों को आर्थिक मदद देकर उन्हें गरीबी रेखा से ऊपर लाने का प्रयास किया जाएगा।
21 हजार रुपये की प्रोत्साहन राशि ‘आत्मनिर्भर परिवारों’ को
जो परिवार अपने प्रयासों से गरीबी रेखा से ऊपर आ चुके हैं, उन्हें सम्मान राशि के रूप में 21 हजार रुपये दिए जा रहे हैं। अब तक 17,891 परिवारों के बैंक खातों का सत्यापन हो चुका है और उन्हें डीबीटी (Direct Benefit Transfer) के जरिए राशि ट्रांसफर की जा रही है। ऐसे परिवारों को ‘आत्मनिर्भर परिवार कार्ड’ भी राज्य सरकार की ओर से प्रदान किया जाएगा।
61 हजार से अधिक परिवारों ने मांगी सहायता
जो परिवार अभी भी गरीबी से जूझ रहे हैं, उन्हें आय सृजन, कौशल विकास और वित्तीय समावेशन के लिए सरकारी योजनाओं से जोड़ा जाएगा। अब तक 61,442 आवेदन प्राप्त किए गए हैं। इसके लिए ग्राम स्तर पर ‘गरीबी मुक्त कार्य-योजना’ तैयार की जा रही है, जिसमें केंद्र और राज्य सरकार की अन्य योजनाओं को भी समन्वित किया जाएगा।
महिलाओं को 15 हजार की कार्यशील पूंजी
योजना के अंतर्गत स्वयं सहायता समूहों से जुड़ी महिलाओं को प्रति परिवार 15 हजार रुपये तक की कार्यशील पूंजी देने का प्रावधान है, जिससे वे छोटी उद्यमिता गतिविधियां शुरू कर सकें और आत्मनिर्भर बन सकें।
दूसरे चरण की शुरुआत: 5002 और गांवों में सर्वे जारी
दूसरे चरण में भी 5002 गांवों का चयन किया गया है। अब तक 22,872 परिवारों का सर्वेक्षण पूरा किया जा चुका है और उन्हें विभिन्न योजनाओं से जोड़ने की प्रक्रिया जारी है।
जिलों की रैंकिंग के आधार पर मिलेगा पुरस्कार
सरकार योजना के सफल क्रियान्वयन के लिए जिलों को त्रैमासिक प्रदर्शन के आधार पर रैंकिंग देगी। प्रथम स्थान पाने वाले जिले को 50 लाख, द्वितीय को 35 लाख और तृतीय को 25 लाख रुपये की पुरस्कार राशि दी जाएगी। यह जिलों को प्रतिस्पर्धा के लिए प्रेरित करेगा और योजना के तेज क्रियान्वयन में मदद करेगा।
नया सामाजिक-आर्थिक परिदृश्य रचने की तैयारी
यह योजना न केवल गरीबी उन्मूलन की दिशा में एक सार्थक कदम है, बल्कि यह राजस्थान के ग्रामीण क्षेत्रों में समग्र विकास और सामाजिक सशक्तिकरण का मार्ग प्रशस्त करेगी। सरकार का उद्देश्य है कि बीपीएल जनगणना 2002 के अनुसार चिन्हित सभी परिवारों को मुख्यधारा में लाकर उन्हें आत्मनिर्भर और सशक्त नागरिक बनाया जाए।
पढ़ें ये खबरें
- DAP की कमी से न घबराएं किसान! छत्तीसगढ़ सरकार ने NPK-SSP के बढ़ाए लक्ष्य, चालू खरीफ सीजन में बांटे जाएंगे 17.18 लाख मिट्रिक टन उर्वरक
- लालच और डर के आगे धर्म की जीतः इस्लाम छोड़ 12 लोगों ने हिंदू धर्म में की वापसी, हवन और मंत्रोच्चार के साथ किया गया शुद्धिकरण
- खबर का असर : छत्तीसगढ़ फार्मेसी काउंसिल की मनमानी पर कसा शिकंजा, स्वास्थ्य मंत्री जायसवाल के हस्तक्षेप के बाद बढ़ी हुई फीस पर लगी रोक
- सिर्फ 1 मिनट रोज करें ये उपाय, बदल जाएगी किस्मत की दिशा
- चिराग और मांझी के बीच चल रही बयानबाजी पर जदयू मंत्री का बड़ा बयान आया सामने, कहा- समय आने पर दोनों नेताओं को समझा….