Rajasthan News: बहुचर्चित ब्लैकमेल कांड में राज्य सरकार ने विशेष जांच दल (SIT) का गठन कर दिया है। विधानसभा अध्यक्ष और बीजेपी नेताओं की मांग के बाद सरकार ने इस पर मुहर लगाई है। अब तक मामले की जांच ब्यावर जिला पुलिस के एसपी श्याम सिंह की निगरानी में हो रही थी।

मामले में 11 युवकों और 3 नाबालिगों को आरोपी बनाया गया है, जिनमें से 10 को न्यायिक हिरासत में और 3 को बाल सुधार गृह भेजा गया है। गिरफ्तार आरोपियों में कैफे संचालक श्रवण जाट, सांवरलाल और पूर्व पार्षद हकीम कुरैशी प्रमुख नाम हैं। अब एसआईटी इस पूरे मामले की गहराई से जांच करेगी।
कोर्ट ने बुलडोजर कार्रवाई पर लगाई रोक
इससे पहले विधानसभा अध्यक्ष वासुदेव देवनानी और कई संगठनों ने आरोपियों के मकानों को ध्वस्त करने की मांग की थी। लेकिन अधिवक्ता सैयद सआदत अली की याचिका पर सुनवाई करते हुए जस्टिस महेंद्र गोयल ने आदेश दिया कि फिलहाल किसी भी आरोपी के मकान पर बुलडोजर नहीं चलेगा। कोर्ट इस मामले में आगे भी सुनवाई करेगा।
एसआईटी को जांच की जिम्मेदारी
राज्य सरकार ने इस मामले की जांच के लिए एएसपी नेमसिंह के नेतृत्व में विशेष जांच दल (SIT) का गठन किया है। टीम में शामिल अधिकारी:
- एएसपी भूपेंद्र शर्मा
- मसूदा सीओ सज्जन सिंह
- सीआई विद्या मीना
- बिजयनगर थानाधिकारी करण सिंह
- एसआई पारुल यादव
सेवानिवृत्ति से पहले ASP नेमसिंह को अहम जिम्मेदारी
एएसपी नेमसिंह चौहान जल्द ही सेवानिवृत्त होने वाले हैं, ऐसे में यह केस उनके लिए बेहद अहम माना जा रहा है। वहीं, बिजयनगर सीओ सज्जन सिंह और थानाधिकारी करण सिंह खंगारोत के नेतृत्व में साक्ष्य जुटाए गए हैं। सीओ सज्जन सिंह को विभागीय स्तर पर सम्मानित भी किया गया है। अब एसआईटी इस पूरे मामले की गहराई से जांच करेगी और सभी एंगल की पड़ताल करेगी।
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