Rajasthan News: राजस्थान के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने माघी एकादशी के शुभ अवसर पर उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में संगम तट पर मंत्रिपरिषद की ऐतिहासिक बैठक आयोजित कर एक अनूठी पहल की। यह पहली बार हुआ कि किसी राज्य की कैबिनेट बैठक दूसरे राज्य में आयोजित हुई। इस ऐतिहासिक अवसर पर मुख्यमंत्री के साथ विधानसभा अध्यक्ष वासुदेव देवनानी, राज्य मंत्रिमंडल के सदस्य, सांसद, विधायक, सचिवालय के वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहे।

कैबिनेट बैठक से पहले पूजा-अर्चना और संगम स्नान
मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा सहित मंत्रिपरिषद के सदस्यों ने त्रिवेणी संगम में आस्था की डुबकी लगाई और पूजा-अर्चना की। इसके बाद सभी ने बड़े हनुमान मंदिर में दर्शन किए। इस दौरान महाकुंभ के भव्य वातावरण में मंत्रोच्चारण और वैदिक रीति-रिवाजों के बीच विशेष अनुष्ठान संपन्न किए गए।
महत्वपूर्ण फैसले: मंदिरों और पुजारियों को राहत
कैबिनेट बैठक में राजस्थान के मंदिरों और पुजारियों के कल्याण से जुड़े कई अहम फैसले लिए गए:
- भोग राशि दोगुनी – देवस्थान विभाग के प्रत्यक्ष प्रभार वाले 390 मंदिरों और आत्मनिर्भर श्रेणी के 203 मंदिरों में पूजा-अर्चना, भोग, प्रसाद, पोशाक, जल और सुरक्षा व्यवस्था के लिए दी जाने वाली भोग-राग राशि को 1500 रुपये से बढ़ाकर 3000 रुपये प्रति माह कर दिया गया।
- पुजारियों का मानदेय बढ़ाया – मंदिरों में सेवा देने वाले पुजारियों का मासिक मानदेय 5000 रुपये से बढ़ाकर 7500 रुपये कर दिया गया।
- मंदिरों के जीर्णोद्धार के लिए 101 करोड़ रुपये स्वीकृत – देवस्थान विभाग द्वारा प्रत्यक्ष रूप से संचालित 6 मंदिरों और आत्मनिर्भर श्रेणी के 26 मंदिरों के पुनर्निर्माण और विकास के लिए 101 करोड़ रुपये की राशि मंजूर की गई।
- प्रदेश के बाहर स्थित मंदिरों का सर्वेक्षण – राजस्थान के बाहर स्थित देवस्थान विभाग के मंदिरों की वास्तविक स्थिति जानने के लिए सर्वे कराया जाएगा और इनकी सूची तैयार की जाएगी।
- ध्वस्त मंदिरों के पुनर्निर्माण के लिए 25 करोड़ रुपये – देशभर में स्थित ऐसे मंदिर जो लगभग नष्ट हो चुके हैं, उनके पुनर्निर्माण के लिए 25 करोड़ रुपये का बजट मंजूर किया गया।
कैबिनेट बैठक की ऐतिहासिकता
गृह राज्यमंत्री जवाहर सिंह बेढ़मा ने कहा कि यह पहली बार है जब किसी राज्य की पूरी कैबिनेट ने महाकुंभ नगर में बैठक की है। यह फैसला भारतीय जनता पार्टी की आध्यात्मिक और सांस्कृतिक राष्ट्रवाद की विचारधारा को दर्शाता है। मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने भी इस अवसर को ऐतिहासिक बताते हुए कहा कि उनकी सरकार धार्मिक स्थलों के संरक्षण और पुजारियों के कल्याण के लिए पूरी तरह से प्रतिबद्ध है।
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