
Rajasthan News: वन एवं पर्यावरण के प्रति आमजन के जुड़ाव और जागरुकता को प्रगाढ़ करने तथा इको टूरिज्म को बढ़ावा देने के राज्य सरकार की ओर से निरंतर प्रयास किए जा रहे हैं। इसी कड़ी में झीलों की नगरी उदयपुर के केवड़ा की नाल में विकसित किए जा रहे बॉटनिकल गार्डन में शुक्रवार को लोकसभा सांसद डॉ.मन्नालाल रावत के मुख्य आतिथ्य में कैक्टस गार्डन का शुभारंभ किया गया।
सराड़ा वन रेंज के केवड़ा की नाल वन खण्ड अंतर्गत विकसित किए जा रहे बॉटनिकल गार्डन परिसर में सांसद डॉ.रावत ने फीता काट कर कैक्टस गार्डन का लोकार्पण किया।

कार्यक्रम को संबोधित करते हुए सांसद डॉ रावत ने कहा कि बॉटनिकल गार्डन और कैक्टस गार्डन अरावली की जैव विविधता को बचाए रखने के लिए कारगर सिद्ध होंगे। यहां जनजाति समाज के गौत्र के पेड़ लगाकर स्थानीय जनजातिजनों को जोड़ने का प्रयास किया जा रहा है। स्थानीय प्रजाति के पेड़ों को संरक्षित करने और इससे ग्रामीणों को जोड़ने की अच्छी पहल है। अरावली अंचल में वन संरक्षण-संवर्धन के लिए विभाग द्वारा जो भी कार्ययोजना तैयार की जाएगी उसे मूर्त रूप देने के लिए पुरजोर प्रयास किए जाएंगे।
80 से अधिक प्रजाति के कैक्टस
प्रारंभ में सांसद डॉ. रावत व विधायक मीणा सहित अन्य अतिथियों ने कैक्टस गार्डन का लोकार्पण करते हुए उसका अवलोकन किया। अतिथियों ने भांति-भांति के कैक्टस देखकर आश्चर्य जताया। इस दौरान उप वन संरक्षक मुकेश सैनी ने अवगत कराया कि कैक्टस गार्डन में 80 प्रजातियों के कैक्टस लगाए गए हैं, जो शोधार्थियों एवं विद्यार्थियों के लिए बहुपयोगी साबित होंगे। उन्होंने बॉटनिकल गार्डन के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि बजट घोषणा के तहत केवड़ा की नाल वन क्षेत्र के 70 हैक्टेयर एरिया में बॉटनिकल गार्डन विकसित किया जा रहा है।
इसके तहत दीवार निर्माण, वाच टावर, ट्रेल, चौकडेम, केक्टस गार्डन, पाथवे के निर्माण हो चुका है। इसमें 150 प्रजाति के वृक्ष जिसमें अरावली वन क्षेत्रों में पाये जाने वाले वृक्ष शामिल हैं। वहीं कुछ वृक्ष ऐसे भी है जो अरावली वन क्षेत्र से विलुप्त प्रायः हैं। इसमें 55 प्रजाति के झाडीनुमा पौधे, लगभग 60 प्रजाति के हर्ब, 40 प्रजाति की लताएँ एवं 12 प्रजाति की (मिलेट्स) मोटे अनाज के पौधे रोपित किये गये हैं। प्रत्येक वृक्ष की पहचान हेतु साइन बोर्ड लगाया गया है जिस पर क्यूआर कोड लगाया जा रहा है। क्यूआर कोड को स्कैन करने पर वृक्ष की प्रजाति से संबंधित जानकारी उपलब्ध होगी।
पढ़ें ये खबरें भी
- Cyber Fraud : शेयर मार्केट में मुनाफा कमाने का झांसा देकर 14.25 लाख की ठगी, दो आरोपी गिरफ्तार
- Rajasthan News: हरियाणा रोडवेज बस ड्राइवर ने कांस्टेबल से की मारपीट, वर्दी फाड़ी, ड्राइवर-कंडक्टर फरार
- CG में शिक्षा जगत फिर शर्मसार : नशे में स्कूल पहुंचा शिक्षक, ग्रामीणों ने की बर्खास्त करने की मांग
- महाकुंभ में ‘गिद्धों को केवल लाश मिली और सूअरों को गंदगी, श्रद्धालुओं को व्यवस्था मिली और पर्यटकों को अव्यवस्था…’
- बहुत ही फायदेमंद होता है चीकू, खूबसूरत त्वचा के साथ-साथ Energy का भी है बेहतरीन Source…