Rajasthan News: राजस्थान के जैसलमेर जिले में मानवता को शर्मसार करने वाली एक घटना सामने आई है। जिला मुख्यालय से 120 किलोमीटर दूर रामदेवरा कस्बे में शनिवार सुबह एक जीवित नवजात कन्या सड़क किनारे सुनसान इलाके में मिलने से सनसनी फैल गई। यह घटना पोकरण-रामदेवरा के बीच मुख्य सड़क मार्ग पर धर्मशाला के पीछे की है, जहां देश में ‘बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ’ के नारे के बीच बेटी के जन्म को अभिशाप मानने की मानसिकता उजागर हुई है।

जानकारी के अनुसार, रामसरोवर तालाब से निकलने वाली नदी के पास खाली जमीन से गुजर रही एक महिला यात्री को बच्चे के रोने की आवाज सुनाई दी। उसने पास के एक दुकानदार को इसकी सूचना दी। दुकानदार ने मौके पर जाकर देखा तो वहां एक नवजात कन्या शिशु मिली, जो जीवित थी। यह देखकर दुकानदार ने तुरंत रामदेवरा पुलिस और स्वास्थ्य विभाग को सूचित किया।

सूचना मिलते ही रामदेवरा पुलिस मौके पर पहुंची और नवजात को प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र ले जाया गया। वहां चिकित्सकों ने बच्ची का प्राथमिक उपचार किया और उसकी हालत को देखते हुए पोकरण रेफर कर दिया। बाद में, मेडिकल स्थिति के आधार पर बच्ची को जैसलमेर के अस्पताल में भर्ती कराया गया। पुलिस के अनुसार, नवजात का जन्म 3 से 4 घंटे पहले हुआ होगा और उसके शरीर पर कोई कपड़ा भी नहीं था।

पुलिस का कहना है कि संभवतः बच्ची की मां ने जन्म के तुरंत बाद उसे देर रात सड़क किनारे फेंक दिया होगा। पुलिस ने मौके का मुआयना किया और मामले की जांच शुरू कर दी है। इस घटना ने स्थानीय लोगों में आक्रोश पैदा कर दिया है, और इसे मानवता को शर्मसार करने वाला बताया जा रहा है। रामदेवरा पुलिस ने नवजात को सुरक्षित चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराने के साथ ही इस मामले की जांच शुरू की है।

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