Rajasthan News: राजस्थान में सांचौर जिले को खत्म करने के विरोध में सांचौर संघर्ष समिति द्वारा चलाए जा रहे धरने का 10वां दिन भी जारी रहा. मंगलवार को धरने में वक्ताओं ने राज्य सरकार के खिलाफ अपनी नाराजगी जताते हुए सांचौर जिले को पुनः बहाल करने की मांग की. धरने के दौरान समिति के नेताओं ने आरोप लगाया कि भाजपा सरकार सांचौर जिले को समाप्त कर भेदभाव कर रही है और लोगों के साथ अन्याय कर रही है, जिसे किसी भी हालत में सहन नहीं किया जाएगा.
सांचौर जिले की भौगोलिक स्थिति का हवाला देकर जताया विरोध
धरने में मौजूद वक्ताओं ने कहा कि सांचौर जिला भौगोलिक दृष्टि से सभी मापदंडों पर खरा उतरता था, फिर भी इसे द्वेषभावना से समाप्त किया गया, जो सांचौर के लोगों के साथ एक बड़ा अन्याय है. उन्होंने यह भी कहा कि राज्य सरकार ने बिना उचित कारण के सांचौर जिले को खत्म कर दिया और इसे बहाल नहीं किया तो उनका आंदोलन और धरना जारी रहेगा.
मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपा गया
धरने के दौरान सांचौर संघर्ष समिति के नेताओं ने उपखंड अधिकारी को मुख्यमंत्री के नाम एक ज्ञापन सौंपा, जिसमें बताया गया कि पूर्व सरकार द्वारा 28 दिसंबर को सांचौर जिले को निरस्त कर दिया गया. ज्ञापन में यह भी बताया गया कि सांचौर जिले का क्षेत्रफल और आबादी कई अन्य जिलों से समान या अधिक है, फिर भी सांचौर जिले को खत्म किया गया.
वर्तमान सरकार की नीति पर उठाए सवाल (Rajasthan News)
ज्ञापन में आरोप लगाया गया कि सांचौर जिले की समाप्ति के बाद डीग, खेरथल और सलूंबर जैसे जिले बनाए गए हैं, जो आबादी और दूरी के हिसाब से सांचौर से बिल्कुल बराबर हैं. उदाहरण के लिए, डीग भरतपुर जिले से केवल 35 किमी दूर है, खेरथल अलवर जिले से 45 किमी और सलूंबर उदयपुर जिले से 70 किमी दूर है, जबकि सांचौर जिले का अंतिम गांव आकोड़िया रणखार 250 किमी दूर स्थित है.
धरना जारी रखने की चेतावनी
धरने में शामिल नेताओं ने चेतावनी दी कि यदि सांचौर जिले को पुनः बहाल नहीं किया जाता, तो धरना तब तक जारी रहेगा. इस दौरान पूर्व मंत्री सुखराम बिश्नोई, मांगीलाल सारण, केसाराम मेहरा, सुरजनराम बिश्नोई, वीरेंद्र सिंह हरियाली, रामावतार मांजू, पूनमाराम लियादरा, अमराराम माली, नरपत माली, तुलासाराम पुरोहित, बाबूलाल सुथार, बधाराम माली, पूनमाराम सिवाड़ा, गणेशाराम देवासी, मोहनलाल बांगड़वा, देवीसिंह राजपूत, भूपाराम पुरोहित, बाबूलाल भादू समेत कई प्रमुख नेता उपस्थित रहे.
राज्य सरकार पर बढ़ा दबाव (Rajasthan News)
सांचौर संघर्ष समिति की तरफ से किए जा रहे इस विरोध प्रदर्शन के बाद राज्य सरकार पर बढ़ता दबाव देखा जा रहा है. अब देखना यह होगा कि सरकार इस मुद्दे पर कब तक कोई निर्णय लेती है और सांचौर जिले की बहाली के लिए क्या कदम उठाएगी.
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