Rajasthan News: जयपुर. ब्लड तस्करी के मामले में बड़ी कार्रवाई करते हुए प्रशासन ने डॉ. तपेंद्र कुमार की सेवाएं समाप्त कर दी हैं. मकराना से सवाई माधोपुर अवैध रूप से ब्लड ट्रांसपोर्ट किए जाने की जांच के बाद यह फैसला लिया गया. साथ ही राजस्थान मेडिकल काउंसिल को आगे की कार्रवाई के लिए पत्र भेजा गया है. संभावना जताई जा रही है कि डॉ. तपेंद्र का रजिस्ट्रेशन भी रद्द किया जा सकता है. यदि ऐसा होता है, तो यह राजस्थान में ब्लड ब्लैक मार्केटिंग पर होने वाली पहली बड़ी कार्रवाई होगी.

कैसे पकड़ा गया Blood Smuggling स्कैम?
मकराना के ब्लड बैंक से सवाई माधोपुर स्थित महादेवी ब्लड बैंक में गुप्त रूप से ब्लड ट्रांसपोर्ट किया जा रहा था. जोबनेर पुलिस ने कार्रवाई करते हुए इस ब्लड को पकड़ा और फिर ड्रग डिपार्टमेंट की टीम ने दोनों स्थानों पर छापेमारी की.
जांच के दौरान, महादेवी ब्लड बैंक में डॉ. तपेंद्र अवैध रूप से कार्यरत पाए गए, जबकि उनकी नियुक्ति केवल अर्जेंट टेम्पररी बेसिस पर थी. ब्लड बैंक में कई अनियमितताएँ भी सामने आईं, जिनमें ब्लड डोनेशन और रिसीविंग का रिकॉर्ड सही नहीं था. इन गड़बड़ियों के चलते ड्रग विभाग ने सख्त कार्रवाई की सिफारिश की और अब डॉ. तपेंद्र को नौकरी से निकाल दिया गया है.
ब्लड आखिर कहां जा रहा था?
हालांकि दावा किया गया कि यह ब्लड सवाई माधोपुर के लिए भेजा जा रहा था, लेकिन असलियत कुछ और हो सकती है. जांच में पाया गया कि पकड़े गए ब्लड बैग्स किसी भी स्थानीय ब्लड बैंक के नहीं थे. इससे अंदाजा लगाया जा रहा है कि यह ब्लड उत्तर प्रदेश (UP) की ब्लैक मार्केट में भेजा जाने वाला था.
हालांकि, पुलिस और ड्रग विभाग अभी तक इस बात की पुष्टि नहीं कर रहे हैं, लेकिन यह तय है कि पहले की तरह राजस्थान से ब्लड तस्करी यूपी के लिए हो रही है. प्रशासन अब इस मामले की गहराई से जांच कर रहा है ताकि ब्लड ब्लैक मार्केटिंग नेटवर्क को पूरी तरह खत्म किया जा सके.
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