Rajasthan News: मुख्यमंत्री लोक कलाकार प्रोत्साहन योजना- 2023 के तहत प्रदेश के लोक कलाकारों को उनके स्थानीय क्षेत्रों में 100 दिवस के कला प्रदर्शन का अवसर सुनिश्चित किया जाएगा। कला, साहित्य, संस्कृति एवं पुरातत्व मंत्री डॉ बी डी कल्ला ने कहा कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत लोक कला और लोक कलाकारों की कला का संरक्षण करना उनका ड्रीम प्रोजेक्ट है। उनकी मंशा के अनुरूप लोक कलाकारों को प्रति परिवार प्रतिवर्ष 100 दिवस का लोक कलाओं के प्रदर्शन के माध्यम से रोजगार दिया जाएगा।

डॉ कल्ला शनिवार को शासन सचिवालय में कला, साहित्य, संस्कृति एवं पुरातत्व विभाग द्वारा आयोजित राज्य अपीलीय नीति निर्धारण एवं पर्यवेक्षण समिति की प्रथम बैठक की अध्यक्षता कर रहे थे।

कलाकारों को मिलेगी पहचान

डॉ कल्ला ने कहा कि यदि लोक कलाकार की कला को संरक्षण मिलता है और उसे 100 दिन का सुनिश्चित रोजगार मिलता है तो वह अपने परिवार का पालन पोषण आराम से कर सकता है। साथ ही इससे कलाकार की कला आम जनता के बीच भी जाएगी तथा उन्हें और अधिक काम मिलेगा। उन्होंने कहा कि राजकीय कार्यक्रम, उत्सवों, मेलों, त्योहारों, समारोह, स्कूल-कॉलेज आदि में कला प्रदर्शन के लिए इन कलाकारों को अवसर दिए जाएंगे।

ऑनलाइन पंजीकरण की होगी सुविधा

डॉ कल्ला ने कहा कि लोक कलाकारों के ऑनलाइन पंजीकरण के लिए शीघ्र ही वेबपोर्टल भी शुरू किया जाएगा। प्रदेश के सभी लोक कलाकार अपने जन आधार कार्ड के माध्यम से वेब पोर्टल पर अपना पंजीकरण करा सकेंगे।

लोक कलाकार प्रोत्साहन कार्ड से मिलेगी पहचान

उन्होंने कहा कि योजनांतर्गत लोक कलाकारों को लोक कलाकार प्रोत्साहन कार्ड दिया जाएगा। यह कार्ड कला प्रदर्शन अवसर प्राप्त करने के लिए कलाकारों का प्राथमिक दस्तावेज होगा जो एक कलाकार की पहचान करेगा। उन्होंने बताया कि योजना के संचालन के लिए राजस्थान संगीत नाटक अकादमी, जोधपुर को नोडल एजेंसी बनाया गया है।

बैठक में कला, साहित्य, संस्कृति एवं पुरातत्व प्रमुख शासन सचिव गायत्री राठौड़ ने कहा कि लोक कलाकारों को स्थानीय स्तर पर ही कला प्रदर्शन का मौका दिया जाएगा। उन्होंने बताया कि लोक कलाकार को आवेदन करने के बाद रजिस्ट्रेशन, कार्य का आवंटन, भुगतान जैसे सभी कार्यों के लिए मैसेज भेज कर अवगत कराया जाएगा।

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