Rajasthan News: घाटोल क्षेत्र के कांकरियागढ़ा ब्लॉक में सोने और अन्य बहुमूल्य खनिजों के बड़े भंडार मिलने के संकेत मिले हैं। भारतीय भू-वैज्ञानिक सर्वेक्षण (GSI) की प्रारंभिक जांच में इस क्षेत्र में सोना, कॉपर, निकल और कोबाल्ट जैसे खनिजों की मौजूदगी की पुष्टि हुई है। अनुमान है कि लगभग 3 किलोमीटर के दायरे में करीब 11 करोड़ टन शुद्ध सोना छिपा हो सकता है।

केंद्र सरकार ने इस क्षेत्र में विस्तृत सर्वे और पूर्वेक्षण के लिए 29 सितंबर को आवेदन आमंत्रित किए थे, जिनकी अंतिम तिथि पहले 14 अक्टूबर थी। अब आवेदन 3 नवंबर को खोले जाएंगे, जिसके बाद सबसे ऊंची बोली लगाने वाली कंपनी को एक्सप्लोरेशन लाइसेंस दिया जाएगा।

सर्वे क्षेत्र में कांकरियागढ़ा, डूंगरियापाड़ा, देलवाड़ा रावना और देलवाड़ा लोकिया गांव शामिल हैं। यह पूरा इलाका करीब 2.59 वर्ग किलोमीटर में फैला है। कंपनी यहां डीप ड्रिलिंग, सैंपलिंग और भूगर्भीय अध्ययन के जरिए खनिजों की मात्रा और गुणवत्ता का विस्तृत मूल्यांकन करेगी।

करीब 5–6 साल पहले GSI ने इसी क्षेत्र में 12 स्थानों पर 600-700 फीट गहराई तक ड्रिलिंग की थी। उस समय की रिपोर्ट में लगभग 1.20 टन सोने, 1000 टन कॉपर और कुछ मात्रा में निकल व कोबाल्ट मिलने की संभावना जताई गई थी। अब इस सर्वे को और गहराई से समझने और दोबारा सत्यापित करने के लिए नई कंपनियों को मौका दिया जा रहा है। पूरा सर्वे पूरा होने में 2 से 3 साल का समय लग सकता है।

इससे पहले घाटोल के भुखिया-जगपुरा क्षेत्र में देश का सबसे बड़ा सोने का भंडार- 11.48 करोड़ टन – खोजा गया था। वहां भी 13,739 टन कोबाल्ट और 11,146 टन निकल की उपस्थिति दर्ज की गई थी। उस खनन कार्य की अनुमति रतलाम की एक कंपनी को दी गई थी, लेकिन अभी तक काम शुरू नहीं हो पाया है।

विशेषज्ञों का कहना है कि अरावली पर्वतमाला से सटे बांसवाड़ा की भूगर्भीय संरचना करीब 5 हजार वर्ष पुरानी है, जिससे यहां खनिज सतह के पास मौजूद हैं। खनन शुरू होने पर क्षेत्र में टेक्नीशियन, मजदूर, ड्राइवर, मैकेनिक और सर्वे स्टाफ की मांग बढ़ेगी। इससे स्थानीय व्यापार और निर्माण कार्यों को भी बढ़ावा मिलेगा।

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