Rajasthan News: गोपालन मंत्री जोराराम कुमावत ने सोमवार को विधानसभा में कहा कि राज्य सरकार द्वारा गौवंश को दिये जा रहे अनुदान में 10 प्रतिशत वृद्धि करने की घोषणा की गई है, जो आगामी अनुदान में बढ़ाकर दी जाएगी।
मंत्री कुमावत ने बताया कि राज्य सरकार द्वारा वर्तमान में गौशालाओं एवं कांजी हाउस में संधारित गौवंश के भरण पोषण के लिए बडे़ गौवंश के लिए 40 रूपये तथा छोटे गौवंश के लिए 20 रूपये प्रति गौवंश प्रति दिन की दर से दिये जा रहे हैं। सहायता राशि वर्ष में 270 दिवस के लिए दी जाती है। अंधे एवं अपाहिज गौवंश तथा नंदीशालाओं में संधारित नर गौवंश को यह सहायता राशि वर्ष में पूरे 12 माह दी जाती है। उन्होंने स्पष्ट किया कि वर्तमान में गौवंश को दी जाने वाली सहायता राशि बढ़ाये जाने का कोई प्रस्ताव विचाराधीन नहीं है।
उन्होंने प्रश्नकाल के दौरान सदस्य द्वारा इस संबंध में पूछे गए पूरक प्रश्नों पर जवाब दे रहे थे। उन्होंने कहा कि गौ संशोधन विधेयक के प्रावधान के तहत शराब एवं रजिस्ट्री, स्टाम्प ड्यूटी पर अधिभार से प्राप्त राशि को गौशाला में अनुदान के रूप में और गौवंश के विकास की योजनाओं पर खर्च किये जाने का प्रावधान है। उन्होंने बताया कि वर्तमान में इस प्रावधान में किसी प्रकार के संशोधन की कोई कार्ययोजना नहीं है।
इससे पहले विधायक चंद्रभान सिंह चौहान के मूल प्रश्न के लिखित जवाब में गोपालन मंत्री ने कहा कि प्रदेश में गोपालन कर रहे पशुपालकों को विभिन्न योजनाओं में परोक्ष रूप से अनुदान दिया जा रहा है। उन्होंने बताया कि प्रदेश की समस्त पशु चिकित्सा संस्थाओं/पशु चिकित्सा शिविरों में नि:शुल्क उपचार, शल्य चिकित्सा एवं दवा वितरण किया जा रहा है। प्रदेश के पशुपालकों के बीमार पशुओं की नि:शुल्क जांच की जा रही है एवं पशुपालकों को विभिन्न प्रशिक्षण शिविरों के माध्यम से नि:शुल्क प्रशिक्षण दिया जा रहा है। उन्होंने जानकारी दी कि किसान क्रेडिट कार्ड के माध्यम से ऋण लिये जाने पर ब्याज पर अनुदान दिया जा रहा है। नस्ल सुधार कार्यक्रम अंतर्गत राष्ट्रीय नस्ल सुधार कार्यक्रम अंतर्गत पशुपालकों को नि:शुल्क कृत्रिम गर्भाधान की सुविधा एवं पशुओं में नि:शुल्क टीकाकरण कार्य किया जा रहा है।
मंत्री ने ने जानकारी दी कि इसके अतिरिक्त 10 जुलाई 2024 को वर्ष 2024-25 की बजट घोषणा अंतर्गत मुख्यमंत्री मंगला पशु बीमा योजनान्तर्गत अनुदानित दर पर दुधारू गायों सहित भैंस, भेड़, बकरी एवं ऊंट का बीमा तथा सेक्स सोर्टेड सीमन के उपयोग पर 75 प्रतिशत का अनुदान दिया जाना प्रस्तावित है।
उन्होंने बताया कि पशुपालन विभाग से गोपालकों को मासिक पेंशन दिये जाने की कोई योजना वर्तमान में विचाराधीन नहीं है। उन्होंने बताया कि वर्तमान गोपालकों को गोपालन के लिए अनुदान स्वरूप नि:शुल्क योजनायें पूर्व से ही संचालित हैं। प्रदेश में आवश्यकता एवं वित्तीय संसाधनों की उपलब्धता अनुसार गोपालकों को अनुदानित योजनाओं से लाभान्वित किया जाता है।
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