Rajasthan News: राजस्थान के मेडिकल कॉलेजों में पोस्ट ग्रेजुएशन (पीजी) पूरा करने के बाद सीनियर रेजिडेंसी (एसआरशिप) नहीं करने वाले 400 से अधिक डॉक्टरों पर कार्रवाई की तलवार लटक रही है।

चिकित्सा शिक्षा विभाग ने इन डॉक्टरों से 10-10 लाख रुपये की रिकवरी की तैयारी शुरू कर दी है, क्योंकि इन्होंने बॉन्ड नियमों का पालन नहीं किया। विभाग ने ऐसे डॉक्टरों की सूची तैयार की है, जिनमें जयपुर, जोधपुर, उदयपुर, कोटा, बीकानेर और अन्य मेडिकल कॉलेजों के छात्र शामिल हैं।
जानकारी के अनुसार, 2021 बैच के पीजी छात्रों को उनकी स्पेशलिटी में मेरिट और चॉइस के आधार पर सीटें दी गई थीं, लेकिन 40% से अधिक छात्रों ने एसआरशिप जॉइन नहीं की और न ही बॉन्ड के तहत 10 लाख रुपये जमा किए। नियमों के मुताबिक, सरकारी मेडिकल कॉलेज से पीजी करने वाले डॉक्टरों को संबंधित अस्पताल में दो साल की एसआरशिप अनिवार्य रूप से पूरी करनी होती है। ऐसा न करने पर उन्हें 10 लाख रुपये कॉलेज में जमा कराने होते हैं। हालांकि, कई डॉक्टरों ने न केवल एसआरशिप पूरी नहीं की, बल्कि अपने दस्तावेज भी ले लिए।
चिकित्सा शिक्षा विभाग ने इन डॉक्टरों को चेतावनी जारी की है और पब्लिक डिमांड रिकवरी एक्ट के तहत कार्रवाई की बात कही है। विभाग ने साफ किया कि नियमों का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ सख्त कदम उठाए जाएंगे। इस कार्रवाई से प्रभावित डॉक्टरों में प्रदेश के विभिन्न मेडिकल कॉलेजों के छात्र शामिल हैं।
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