Rajasthan News: राजस्थान के झालावाड़ ज़िले में सरकारी स्कूल की इमारत गिरने से 7 मासूम बच्चों की मौत ने पूरे प्रदेश को भीतर तक हिला दिया है। इस दर्दनाक हादसे के बाद राजस्थान की पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे जब मृतकों के परिजनों से मिलने पहुंचीं, तो खुद को संभाल नहीं पाईं।

परिजनों का विलाप सुनकर राजे की आंखें भर आईं। मैं भी एक मां हूं, आपके दर्द को महसूस कर सकती हूं, इतना कहने के बाद वे कुछ देर चुप रहीं, फिर बोलीं, माता-पिता अपने बच्चों के लिए सपने देखते हैं कि वो बड़ा होकर कुछ बनेगा, कुछ करेगा। ये हादसा उन सपनों का अंत है, जो मां-बाप और बच्चों ने साथ देखे थे।

कान्हा और मीना की कहानी सुनकर टूट गईं वसुंधरा

जब वे पीपलोदी और चांदपुरा भीलान गांव पहुंचीं और उस परिवार से मिलीं जिसने इस हादसे में अपने दोनों बच्चे कान्हा और मीना खो दिए, तो वे पूरी तरह भावुक हो गईं। मीना पढ़ने में होशियार थी, कान्हा अभी स्कूल में दाखिल ही हुआ था। अब उस घर में कोई बच्चा नहीं बचा।

चिराग ही बुझ गए, हम अब जीकर क्या करेंगे?

यह बात जब पीड़ित परिजनों ने कही, तो वसुंधरा राजे कुछ पल के लिए निःशब्द रह गईं। फिर बोलीं, ये ऐसा दर्द है जिसकी कोई सीमा नहीं। हम इस दुख की घड़ी में पूरी तरह आपके साथ हैं।

साथ में थे कई वरिष्ठ नेता और अधिकारी

इस मौके पर उनके साथ सांसद दुष्यंत सिंह, विधायक गोविंद रानीपुरिया, कलेक्टर अजय सिंह राठौड़, एसपी अमित कुमार, जिला अध्यक्ष हर्षवर्धन शर्मा और RPSC के पूर्व चेयरमैन श्याम सुंदर शर्मा भी मौजूद थे।

सरकारी योजनाओं में पक्के आवास के निर्देश

राजे ने जिलाधिकारी से स्पष्ट कहा कि मृतकों के परिजनों को सरकारी योजनाओं में प्राथमिकता के आधार पर पक्के मकान दिए जाएं। इसके बाद वे मनोहर थाना भी पहुंचीं, जहां अस्पताल में भर्ती घायलों से मुलाकात की और डॉक्टरों को इलाज में कोई लापरवाही न बरतने के निर्देश दिए।

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