Rajasthan News: राजस्थान के आदिवासी बहुल इलाकों में गरीबी और विकास की कमी के कारण बच्चों को गिरवी रखने और बेचने जैसी चौंकाने वाली घटनाएं सामने आ रही हैं। डूंगरपुर-बांसवाड़ा सांसद राजकुमार रोत ने इस गंभीर मुद्दे को लोकसभा में राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव के दौरान उठाया।

आदिवासियों की दयनीय स्थिति पर चिंता
सांसद राजकुमार रोत ने कहा कि देश की राष्ट्रपति एक आदिवासी समुदाय से आती हैं, लेकिन आदिवासियों की स्थिति आज भी बेहद दुखद और चिंताजनक बनी हुई है। उन्होंने कहा, आज देश में सबसे ज्यादा पीड़ित और शोषित कोई समुदाय है, तो वो आदिवासी हैं, खासकर उनकी महिलाएं।
उन्होंने मणिपुर हिंसा का उदाहरण देते हुए आदिवासी समाज पर हो रहे अत्याचारों को उजागर किया और बताया कि आज राजस्थान के आदिवासी अपने बच्चों और बहन-बेटियों तक को गिरवी रखने के लिए मजबूर हैं। राजस्थान के आदिवासी बहुल इलाकों में बच्चों की बिक्री और गिरवी रखने के कई मामले सामने आ चुके हैं। जनवरी 2023 में उदयपुर पुलिस ने एक आईवीएफ सेंटर की कर्मचारी को गिरफ्तार किया था, जो झाड़ोल ब्लॉक के एक दंपत्ति से 70,000 रुपये में बच्चा खरीदकर दिल्ली में 2 लाख रुपये में बेचने की योजना बना रही थी। 2023 से 2024 के बीच सरकार ने विधानसभा में स्वीकार किया कि ऐसे 7 मामले दर्ज हुए हैं।
डबल इंजन सरकार पर सवाल
सांसद राजकुमार रोत ने राज्य सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि राजस्थान में डबल इंजन की सरकार है, लेकिन आज भी आदिवासी समुदाय बुनियादी जरूरतों के लिए संघर्ष कर रहा है। उन्होंने कहा कि आदिवासी बाहुल्य क्षेत्रों में विकास की योजनाएं लागू होने के बावजूद जमीनी स्तर पर इनका कोई असर नहीं दिख रहा।
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