Rajasthan News: राजस्थान की राजधानी जयपुर में साइबर थाना पुलिस ने एक बड़े अंतरराष्ट्रीय साइबर ठग गैंग का पर्दाफाश किया है, जो सात राज्यों में 24 करोड़ रुपये से अधिक की ठगी कर चुका था। इस गिरोह ने नेपाल और दुबई में बैठे सरगनाओं के इशारे पर भारत में फर्जी बैंक खाते खोलकर उन्हें चीन की साइबर ठग गैंग को बेचा। गिरफ्तार आरोपियों में नेपाल निवासी लाल दोर्जे तामांग, सुजल तामांग, दिल्ली निवासी पवन जैन और अब्दुल शाहमा शामिल हैं।

पूछताछ में खुलासा हुआ कि मास्टरमाइंड लाल दोर्जे चीनी गिरोह से टेलीग्राम और इंटरनेट के जरिए सीधे जुड़ा था। वह दुबई में रहने वाली महिला सुषमा के संपर्क में था, जो बैंक खाते, सिम और ईमेल आईडी चीनी ठगों को उपलब्ध करवाती थी। गिरोह 5 लाख रुपये में एक खाता बेचता था, चाहे वह 50 हो या 60 खाते। इन खातों के जरिए चीन से ऑनलाइन ट्रेडिंग या गेमिंग के नाम पर पैसा ट्रांसफर होता था, जिसमें आरोपी प्रति ट्रांजैक्शन 2.5 से 5 फीसदी कमीशन लेते थे। यह रकम USDT जैसी क्रिप्टोकरेंसी में ली जाती थी, ताकि ट्रैकिंग मुश्किल हो।

सुजल तामांग का काम खाताधारकों की निगरानी करना और उनके मोबाइल में APK ऐप इंस्टॉल करवाना था। यह एक स्पाई ऐप था, जो चीनी ठगों को खातों का पूरा एक्सेस देता था। सुजल मोबाइल को होटल में रखवाता और उसकी पहुंच नेपाल के लाल दोर्जे तक पहुंचा देता था।

दिल्ली निवासी पवन जैन ने लाल दोर्जे को जयपुर बुलाया था। गिरोह के सदस्य देशभर में बैंक खातों की तलाश करते, लोगों को कमीशन का लालच देकर राजी करते और उनके मोबाइल में APK इंस्टॉल करवा देते थे। सभी लेन-देन डिजिटल और एनक्रिप्टेड माध्यम से होते थे।

चार गिरफ्तार, जांच जारी

इस गैंग की साइबर ठगी की शिकायतें उत्तर प्रदेश, केरल, कर्नाटक, तमिलनाडु, तेलंगाना समेत सात राज्यों में दर्ज हैं। सूचना मिलते ही RPS अधिकारी सोनचंद वर्मा के नेतृत्व में पुलिस ने ट्रैप लगाकर चारों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया। इनके खिलाफ आईटी एक्ट और IPC की विभिन्न धाराओं में मुकदमा दर्ज किया गया है। पुलिस का कहना है कि यह अब तक की सबसे सुनियोजित अंतरराष्ट्रीय साइबर ठगी में से एक है, और जांच जारी है। संभावना जताई जा रही है कि इस गिरोह से जुड़े और चेहरे सामने आ सकते हैं।

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