Rajasthan News: राजस्थान के जयपुर में नीरजा मोदी स्कूल की चौथी कक्षा की मासूम छात्रा अमायरा की रहस्यमयी मौत ने पूरे शहर को सदमे में डाल दिया है। 1 नवंबर को चौथी मंजिल से कूदकर अपनी जान देने वाली 10 वर्षीय अमायरा के परिवार ने स्कूल प्रशासन पर लापरवाही और सच्चाई छिपाने का गंभीर आरोप लगाते हुए पुलिस में एफआईआर दर्ज कराई है।

परिवार का दावा है कि बच्ची को स्कूल में बुलिंग का शिकार बनाया जा रहा था और कक्षा में अपशब्दों का इस्तेमाल आम था। इस मामले में पुलिस के अलावा राजस्थान शिक्षा विभाग और सीबीएसई भी गहन जांच में जुटे हैं, लेकिन अभी तक मौत के सटीक कारणों का पता नहीं चल सका हैं।

अमायरा के परिजनों ने बताया कि बच्ची लंबे समय से मानसिक तनाव में थी। उनका आरोप है कि स्कूल प्रबंधन ने घटना के बाद सच्चाई को दबाने की कोशिश की और बुलिंग की शिकायतों को नजरअंदाज किया। परिवार ने स्कूल के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की है, जिसमें प्रिंसिपल और क्लास टीचर की भूमिका की भी जांच शामिल हो। इस घटना ने न केवल अभिभावकों में आक्रोश पैदा किया है, बल्कि स्कूलों में बुलिंग रोकने के लिए सख्त कदम उठाने की मांग भी तेज हो गई है।

सीसीटीवी फुटेज से नई जानकारी, लेकिन ऑडियो की कमी बनी बाधा

प्रारंभिक जिला शिक्षा अधिकारी (DEओ) रामनिवास शर्मा ने बुधवार को मीडिया से बातचीत में बताया कि सीसीटीवी फुटेज की जांच में कोई स्पष्ट अपशब्द या बुलिंग का सबूत नहीं मिला है। उन्होंने कहा, क्लास टीचर ने सूचना दी कि कुछ बच्चे अपशब्दों का इस्तेमाल कर रहे थे, जिसकी शिकायत अन्य छात्रों ने की थीं। वीडियो में दो बच्चे टीचर के पास शिकायत लेते दिख रहे हैं, और अमायरा भी दो बार टीचर से मिलने जाती हुई नजर आ रही है। टीचर ने बच्चों को क्लास में ही समझाया भी।

शर्मा ने आगे खुलासा किया कि घटना वाले दिन क्लास में एक बच्चे का जन्मदिन था। वह साधारण ड्रेस में आया था और टॉफी बांट रहा था। अमायरा ने भी टॉफी ली थी, जिसका रैपर उसके बैग से बरामद हुआ। इसके बाद इंग्लिश क्लास चली, जहां टीचर हर पल मौजूद था। उन्होंने अमायरा से बात की और उसकी कॉपी भी जांची। हालांकि, सीसीटीवी में ऑडियो न होने के कारण पूरी बातचीत का पता नहीं चल सका। डीईओ ने जोर देकर कहा कि पुलिस की फॉरेंसिक जांच पूरी होने तक कोई निष्कर्ष नहीं निकाला जा सकता।

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