Rajasthan News: राजस्थान में आतंकी गतिविधियों के खिलाफ केंद्रीय एजेंसियों ने शुक्रवार को अभूतपूर्व सख्ती दिखाई। नेशनल इन्वेस्टिगेशन एजेंसी (NIA), एंटी टेररिस्ट स्क्वाड (ATS) और इंटेलिजेंस ब्यूरो (IB) ने राज्य के छह जिलों में एक साथ ताबड़तोड़ छापेमारी की, जिसमें जोधपुर, जालोर, करौली, चित्तौड़गढ़ और जयपुर शामिल हैं। इस अभियान में कुल पांच संदिग्धों को हिरासत में लिया गया, जिन पर अंतरराष्ट्रीय आतंकी संगठनों से जुड़ाव का गंभीर आरोप है।

कहां-कहां पड़ी दबिश, कौन गिरफ्तार?

एजेंसियों ने सुबह से ही संयुक्त रूप से सर्च ऑपरेशन शुरू किया। जोधपुर के चौखा इलाके से अयूब (गफ्फार का पुत्र) को पकड़ा गया। पीपाड़ कस्बे में मसूद (अनवर का पुत्र) को हिरासत में लेने के तुरंत बाद वह भागने की कोशिश में अंडरग्राउंड हो गया, लेकिन ATS की फौरन सर्च टीम ने उसे चंद घंटों में ही धर दबोचा। जालोर जिले के सांचौर से मौलवी उस्मान को गिरफ्तार किया गया, जो कथित तौर पर विदेशी फंडिंग से जुड़ा हुआ है।

पूर्वी राजस्थान के करौली जिले के ढोलीखार मोहल्ले में दबिश देकर जुनैद नामक युवक को हिरासत में लिया गया। इसके अलावा चित्तौड़गढ़ और जयपुर से एक अन्य व्यक्ति को भी पकड़ा गया। पकड़े गए संदिग्धों में दो मौलवी शामिल हैं, जिन पर आतंकी प्रचार और फंडिंग का शक है।

बरामद सामग्री से खुलासा: दस्तावेज, मोबाइल और चंदे की रसीदें

छापेमारी के दौरान एजेंसियों को कई महत्वपूर्ण सुराग हाथ लगे। अयूब के ठिकाने से आतंकी साहित्य, मोबाइल फोन, महत्वपूर्ण दस्तावेज और चंदे की रसीदें जब्त की गईं। मसूद से विदेशी संपर्कों से जुड़ी गोपनीय जानकारी मिली, जबकि मौलवी उस्मान से जुड़े मदरसे को स्थानीय पुलिस और IB ने तुरंत सील कर दिया। सूत्रों के अनुसार, उस्मान पर अंतरराष्ट्रीय गिरोहों से धन प्राप्त करने और आतंकी गतिविधियों को बढ़ावा देने का आरोप है।

गृह मंत्रालय के निर्देश पर IB की खुफिया जानकारी से चली कार्रवाई

यह पूरा ऑपरेशन गृह मंत्रालय के सख्त आदेशों और IB की पुख्ता टिप-ऑफ पर आधारित था। एजेंसियों का मानना है कि ये संदिग्ध पकड़े गए व्यक्ति वैश्विक आतंकी नेटवर्क के छोटे-मोटे सिपाहियों की तरह काम कर रहे थे, जो फंडिंग और प्रचार के जरिए भारत विरोधी साजिशों को हवा दे रहे थे। हालांकि, NIA या ATS की ओर से अभी तक कोई आधिकारिक बयान जारी नहीं किया गया है।

पढ़ें ये खबरें