Rajasthan News: जयपुर हेरिटेज नगर निगम की मेयर मुनेश गुर्जर पर भ्रष्टाचार के आरोपों के बाद चारों तरफ से शिकंजा कसता जा रहा है। स्वायत्त शासन विभाग ने 11 सितंबर 2024 को मेयर को नोटिस जारी कर तीन दिन में जवाब मांगा था। 18 सितंबर को उनके निलंबन का फैसला लिया जाना था, लेकिन अब विभाग ने फिर से एक नया नोटिस जारी करते हुए उन्हें तीन और दिनों का समय दिया है। इसके चलते मेयर का निलंबन फिर से टल गया है। इस नोटिस पर UDH मंत्री झाबर सिंह खर्रा ने नाराजगी जाहिर की है।

मेयर मुनेश गुर्जर ने हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया

इस बीच, 17 सितंबर को मेयर मुनेश गुर्जर ने फिर से हाईकोर्ट का रुख किया। उन्होंने इस कार्रवाई को “राजनीतिक द्वेषता से प्रेरित” बताते हुए अपना बचाव किया। अब इस मामले की सुनवाई हाईकोर्ट में होगी, जबकि ACB (एंटी करप्शन ब्यूरो) 19 सितंबर को चार्जशीट पेश करने की तैयारी कर रही है। मेयर को कोर्ट में पेश रहने का निर्देश दिया गया है।

UDH मंत्री झाबर सिंह खर्रा की नाराजगी

स्वायत्त शासन विभाग द्वारा तीन दिन का नया नोटिस जारी होने के कारण मेयर का निलंबन टल गया है, जिससे UDH मंत्री झाबर सिंह खर्रा ने नाराजगी जताई है। मंत्री का कहना है कि निलंबन की पूरी प्रक्रिया से उन्हें समय पर अवगत नहीं कराया गया। उन्होंने पहले ही मेयर के निलंबन की जल्दी प्रक्रिया पूरी करने का निर्देश दिया था और माना जा रहा था कि पाली दौरे से लौटने के बाद वे निलंबन की फाइल पर साइन करेंगे। लेकिन जब फाइल उनके पास नहीं पहुंची, तो उन्होंने अधिकारियों पर नाराजगी जाहिर की।

निलंबन से पहले अंतिम नोटिस जरूरी

नगरपालिका अधिनियम के तहत मेयर को निलंबन से पहले सुनवाई का अंतिम नोटिस देना आवश्यक है। हाईकोर्ट के आदेश के बाद सरकार अभियोजन स्वीकृति जारी करने की तैयारी कर रही है, जिससे मुनेश गुर्जर को पद से निलंबित किया जा सके। दूसरी ओर, मेयर ने एक दिन पहले एसीबी की FIR को चुनौती देते हुए हाईकोर्ट में अपील की है।

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