Rajasthan News: दौसा जिले के लालसोट में तहसीलदार और वकीलों के बीच चल रहे विवाद ने तूल पकड़ लिया है। तहसीलदार अमितेश मीणा ने वकीलों के खिलाफ की गई टिप्पणी पर माफी मांग ली है, लेकिन अधिवक्ता अब उनकी बर्खास्तगी की मांग कर रहे हैं। दरअसल, तहसीलदार ने वकीलों को लेकर कहा था कि काले कोट वाले सब गुंडे हैं। यह बयान सामने आने के बाद से ही बार एसोसिएशन भड़क उठा।

19 अगस्त को तहसीलदार का एक वीडियो वायरल हुआ था, जिसमें वे वकीलों को ‘काले कोट में घूम रहे गुंडे’ कहते दिख रहे थे। इसके बाद उन्होंने थाने के बाहर धरना देकर वकीलों के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने की मांग भी की थी। करीब तीन घंटे के धरने के बाद 13 वकीलों पर केस दर्ज किया गया, जिसके जवाब में दो अधिवक्ताओं ने भी तहसीलदार के खिलाफ मामला दर्ज कराया। इस पूरे मामले की जांच फिलहाल लालसोट के डिप्टी एसपी दिलीप मीणा कर रहे हैं।
विवाद की शुरुआत एक स्टे ऑर्डर को लेकर हुई थी। वकीलों का आरोप है कि 19 अगस्त को जब वे तहसीलदार को एसडीएम का स्टे ऑर्डर देने पहुंचे, तो उन्होंने आदेश लेने से इनकार कर दिया। न सिर्फ इतना, बल्कि अभद्रता करते हुए उन्हें धक्का देकर बाहर निकाल दिया।
इस बीच राजस्थान बार एसोसिएशन की जांच रिपोर्ट तहसीलदार को दोषी मान चुकी है। रिपोर्ट हाईकोर्ट प्रशासन और बार काउंसिल ऑफ इंडिया के चेयरमैन मनन कुमार मिश्रा को भी भेजी गई है। यही वजह है कि अब वकीलों का रुख और सख्त हो गया है। सोमवार को बार एसोसिएशन के जिला अध्यक्ष कुंज बिहारी शर्मा समेत अधिवक्ता कलेक्टर को ज्ञापन सौंपकर तहसीलदार की बर्खास्तगी की मांग करेंगे।
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