Rajasthan News: कोटा. कोटा में अब मकान और जमीन की भी अपनी यूनिक पहचान होगी। कोटा विकास प्राधिकरण ने शहर में संपत्तियों का ‘आधार कार्ड’ बनाने की तैयारी कर ली है। इसमें प्रत्येक प्रॉपर्टी को यूनिक प्रॉपर्टी आईडी (यूपीआईडी) दी जाएगी, जो उस मकान या जमीन की स्थायी पहचान होगी।

इसके जरिए मालिक ऑनलाइन ही मकान से जुड़े 13 तरह के सरकारी कार्य घर बैठे कर सकेंगे। पहले चरण में यह व्यवस्था केडीए की कॉलोनियों में लागू की जा रही है। सफल होने पर पूरे शहर में विस्तारित किया जाएगा। इसके लिए यूडीएच ने यूनिफाइड पोर्टल तैयार कराया है, जहां नागरिक अपनी प्रॉपर्टी से जुड़ी सारी जानकारी एक क्लिक में देख और अपडेट कर सकेंगे। इस प्रणाली के तहत मकान का सारा डाटा जैसे खरीद-बिक्री, लीज, लोन, टैक्स, नाप, बिल्डिंग परमिशन, और मालिकाना हक जैसी जानकारी आईडी से जुड़ी होगी। इससे न तो कोई जमीन दोबारा बेची जा सकेगी और न ही नकली दस्तावेज तैयार किए जा सकेंगे।

पांच साल पहले बनी थी योजना यूनिफाइड पोर्टल तैयार करने की योजना पांच साल पहले बनी थी जो अब जाकर धरातल पर उतर रही है। स्वायत्त शासन विभाग द्वारा इस संबंध में आदेश जारी कर इसे लागू करने को कहा था। ताकि सभी ऑनलाइन सेवाएं भवन निर्माण स्वीकृति, फायर एनओसी, नाम ट्रांसफर, यूडी टैक्स, ट्रैड लाइसेंस आदि भी इससे जुड़ सके। उसके बाद कोरोना काल आ गया था और ये योजना ठंडे बस्ते में चली गई थी। अब राज्य सरकार की डिजिटल गवर्नेस नीति के तहत इसे फिर से गति दी गई है।

ये सुविधाएं मिलेंगी

यूनिक प्रॉपर्टी आईडी से नागरिकों को दफ्तरों के चक्कर नहीं लगाने पड़ेंगे। लीज कन्वर्जन, बिल्डिंग अप्रूवल, टैक्स जमा, नामांतरण जैसे काम ऑनलाइन हो जाएंगे। भविष्य में यह प्रणाली नगर निगम, राजस्व विभाग और जलदाय विभाग से भी लिंक की जाएगी, ताकि एक ही क्लिक में संपत्ति से जुड़ी सभी सेवाएं उपलब्ध हो सकें। हर प्रॉपर्टी की यूनिक आईडी दोहराव और धोखाधड़ी खत्म होगी। लीज कन्वर्जन, नामांतरण, डिवाइडेशन, एकीकरण, नक्शा पास करवाना, बिल्डिंग अप्रूवल, यूडी टैक्स बिल, रिकार्ड अपडेट एक ही पोर्टल पर हो जाएंगे।

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