Rajasthan News: राजस्थान में भजनलाल सरकार की कैबिनेट में सरकारी कर्मचारियों से जुड़े कई फैसले किए गए। इसके तहत अब सरकार ने कर्मचारियों की डेथ ग्रेच्युटी 20 लाख से बढ़ाकर 25 लाख कर दी। वहीं जिला न्यायालय में काम करने वाले लिपिक वर्ग, चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी और ड्राइवर्स को भी पदोन्नति देने के लिए कैबिनेट ने मंजूरी दी है। बता दें कि 2002 के बाद से 2 से ज्यादा संतान होने पर इन्हें प्रमोशन का लाभ नहीं मिलता था।

उप मुख्यमंत्री डॉ. प्रेमचन्द बैरवा ने बताया कि केंद्रीय कार्मिकों की तर्ज पर 10 वर्षों तक बढ़ी हुई दर से पारिवारिक पेंशन का लाभ मिलेगा। सरकार ने पेंशनर्स को आरजीएचएस में 20 हजार की जगह 30 हजार तक की आउटडोर सुविधा दी है। यानी पेंशनर 30 हजार रुपए तक की दवाएं सालभर में खरीद सकेंगे। आरजीएचएस में चिकित्सा सुविधा के लिए माता-पिता या सास-ससुर में से किसी एक को जोड़ने का विकल्प मिलेगा।

प्रदेश के रेल परिवहन तंत्र को मजबूत करने तथा मार्बल, ग्रेनाइट और माइनिंग जैसे उद्योगों को विकसित करने के लिए केंद्र सरकार के साथ मिलकर श्रीनाथद्वारा को मेवाड़ और मारवाड़ से जोड़ने वाली नई रेलवे लाइन के निर्माण में तेजी लाई जा रही है। उन्होंने बताया कि राजसमंद जिले के राजसमंद, देवगढ़, नाथद्वारा एवं आमेट उपखण्डों की कुल 42.1576 हैक्टेयर भूमि राजस्थान भू-राजस्व अधिनियम 1956 की धारा 102 के अंतर्गत नाथद्वारा-देवगढ़-मदारिया आमान परिवर्तन परियोजना के लिए रेलवे मंत्रालय को आवंटित करने की स्वीकृति मंत्रिमण्डल बैठक में प्रदान की गई।

मंत्रिमंडल की बैठक में रिवेम्प्ड डिस्ट्रिब्यूशन सेक्टर स्कीम (आरडीएसएस) के अंतर्गत कृषि फीडर्स के 11 केवी फीडर पृथक्करण (सेग्रेगेशन) की क्रियान्विति को मंजूरी प्रदान की गई। इस योजना में लगभग 7 हजार 896 करोड़ रुपए की लागत से 11 केवी फीडर सेग्रेगेशन के 7522 कार्य करवाए जाएंगे, जिसके लिए आरईसी लिमिटेड की ओर से स्वीकृति एक अप्रैल, 2024 को प्राप्त हो चुकी है। उन्होंने बताया कि जिन 33/11 केवी सबस्टेशन पर 11 केवी फीडर सेग्रेगेशन का कार्य किया जाएगा, वहां नए सोलर पावर प्लांट लगाने, मीटरिंग, बिलिंग और राजस्व संग्रहण के कार्य को भी फीडर सेग्रेगेशन में ही जोड़ा गया है। यह कार्य हाइब्रिड एन्युइटी मॉडल पर किया जाएगा, जिससे नए स्थापित होने वाले सौर ऊर्जा संयंत्रों का स्थानीय स्तर पर उपयोग सुनिश्चित हो सकेगा और कृषि उपभोक्ताओं को दिन के समय बिजली दी जा सकेगी।

3000 मेगावाट की 4 सौर ऊर्जा परियोजनाओं के लिए राजस्थान भू-राजस्व (अक्षय ऊर्जा स्त्रोतों पर आधारित ऊर्जा उत्पादन इकाई की स्थापना हेतु भूमि आवंटन) नियम, 2007 के प्रावधानों एवं शर्तों के तहत भूमि आवंटन की स्वीकृतियां प्रदान की गई तथा बीकानेर की पूगल तहसील के ग्राम बरजू में 50.42 हैक्टेयर भूमि 765/400/220 केवी सबस्टेशन की स्थापना के लिए बीकानेर-3 नीमराना ट्रांसमिशन लिमिटेड को आवंटित करने के प्रस्ताव का अनुमोदन किया गया है। सौर ऊर्जा पर आधारित इन परियोजनाओं की स्थापना से राज्य में क्षेत्रीय रोजगार के अवसर बढ़ेंगे एवं राज्य के राजस्व में बढ़ोतरी होगी।

प्रदेश में एमएसएमई उद्यमों के विकास के लिए भी सरकार प्रतिबद्धता के साथ काम कर रही है। इसी क्रम में केन्द्रीय एमएसएमई मंत्रालय को जयपुर में टेक्नोलॉजी सेंटर की स्थापना के लिए जेडीए की दहमीकलां संस्थानिक योजना में 12 एकड़ भूमि निःशुल्क आवंटित किए जाने की स्वीकृति प्रदान की गई है। इससे युवाओं को एमएसएमई सेक्टर से जुड़ी उन्नत तकनीक का प्रशिक्षण प्राप्त हो सकेगा और उनमें कौशल एवं दक्षता का विकास होगा।

पढ़ें ये खबरें भी