Rajasthan News: खान, पेट्रोलियम व गोपालन मंत्री प्रमोद जैन भाया ने बताया है कि राज्य में सोने (Gold) की खान के ऑक्शन की राह प्रशस्त हो गई है। उन्होंने बताया कि बांसवाड़ा के भूखिया जगपुरा क्षेत्र में स्वर्ण के विपुल भण्डार मिलने के साथ ही राज्य सरकार द्वारा इस माइंस का ऑक्शन न्यायालय में प्रकरण विचाराधीन होने के कारण नहीं हो पा रहा था।

उन्होंने बताया कि माइंस विभाग द्वारा योजनावद्ध तरीके से प्रदेश में खनिजों के एक्सप्लोरेशन और माइंस की ई-नीलामी पर जोर दिया गया है जिसके लगातार सकारात्मक परिणाम प्राप्त हो रहे हैं। उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के मार्गदर्शन में प्रदेश में विपुल खनि संपदा को देखते हुए विभाग को खनिज ब्लॉकों की ई नीलामी पर जोर दिया गया है ताकि राजस्व में बढ़ोतरी, रोजगार के अधिक अवसर के साथ ही अवैध खनन पर रोक लगाई जा सके।

अतिरिक्त मुख्य सचिव माइंस, पेट्रोलियम एवं उद्योग वीनू गुप्ता ने बताया कि उच्च न्यायालय में राज्य सरकार द्वारा प्रभावी तरीके से राज्य का प़क्ष रखने का परिणाम रहा है कि प्रतिपक्ष के आवेदन को खारिज कर दिया है। उन्होंने बताया कि इससे राज्य की पहली स्वर्ण खान की नीलामी हो सकेगी।

एसीएस माइंस वीनू गुप्ता ने बताया कि बांसवाड़ा के भूखिया जगपुरा में सोने की खान की नीलामी के लिए आवश्यक औपचारिकताएं पूरी की जा रही है। उन्होंने बताया कि एक मोटे अनुमान के अनुसार स्वर्ण, तांबा और कोबाल्ट व निकल के डिपोजिट है। उन्होंने बताया कि एक मोटे अनुमान के अनुसार यहां 134178 करोड़ रुपये के स्वर्ण भण्डार और 7720 करोड़ के तांबे के भण्डार संभावित है।

निदेशक माइंस संदेश नायक ने बताया कि बांसवाड़ा के घाटोल तहसील के भूखिया जगपुरा में भारतीय भू वैज्ञानिक सर्वेक्षण विभाग द्वारा 1990-91 में किए गए एक्सप्लोरेशन के दौरान स्वर्ण के संकेत मिलने पर 69.658 वर्ग किलोमीटर के तीन ब्लॉक एक्सप्लोरेशन के लिए आरक्षित किए गए थे। इस क्षेत्र में एक्सप्लोरेशन के दौरान 15 ब्लॉकों में 171 बोर होल्स में 46037.17 मीटर ड्रिलिंग करने पर स्वर्ण भण्डार पाये गये।

निदेशक नायक ने बताया कि बांसवाड़ा के भूखिया जगपुरा में एक्सप्लोरशन परिणामों के अनुसार 14 ब्लॉकों में 1.945 ग्राम/टन के लगभग 114.76 मिलियन टन सोने के भण्डार का आकलन किया गया है। उन्होंने बताया कि इसके अनुसार एक मोटे अनुमान के अनुसार इस क्षेत्र मं 223.63 टन स्वर्ण धातु मिलने की संभावना हैं वहीं यहां पर स्वर्ण धातु के साथ ही 0.15 प्रतिशत मय ताम्र धातु का लगभग 154401 टन डिपोजिट का आकलन किया गया है। इस क्षेत्र में स्वर्ण और ताम्र भण्डारों के साथ ही कोबाल्ट धातु के भी संकेत मिले हैं। उन्होंने बताया कि यहां 13739 टन कोबाल्ट के साथ ही 11146 टन निकल धातु के डिपोजिट का संभावित आकलन किया गया है।

उच्च न्यायालय द्वारा प्रकरण के निस्तारण के साथ ही विभाग ने ऑक्शन की आवश्यक औपचारिकताएं पूरी करना आरंभ कर दिया है। उन्होंने बताया कि स्वर्ण माइंस के ऑक्शन से जहां प्रदेश का स्वर्ण माइनिंग में पहचान होगी वहीं राज्य सरकार को करोड़ो रुपए के राजस्व के साथ ही रोजगार के नए अवसर उपलब्ध होंगे।

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