Rajasthan News: राजस्थान की भजनलाल शर्मा सरकार 30 साल पुराने राजस्थान पंचायती राज अधिनियम 1994 में बड़ा बदलाव करने जा रही है। यह वही कानून है जिसे तत्कालीन भाजपा मुख्यमंत्री भैरोंसिंह शेखावत ने लागू किया था, जिसमें दो से अधिक संतान होने पर पंचायती राज और निकाय चुनाव लड़ने पर अयोग्यता का प्रावधान था। अब उसी भाजपा की सरकार इस पाबंदी को हटाने की दिशा में आगे बढ़ रही हैं।

यूडीएच मंत्री झाबर सिंह खर्रा ने दिए साफ संकेत

नगरीय विकास एवं स्वायत्त शासन मंत्री झाबर सिंह खर्रा ने कहा, “मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा से इस मुद्दे पर बात हो चुकी है। विधिक राय ली जा रही है। जनप्रतिनिधियों के ज्ञापन और जनभावना को देखते हुए बदलाव पर गंभीरता से विचार किया जा रहा है।”

2025 निकाय-पंचायत चुनाव से पहले बड़ा फैसला संभव

राज्य में 2025 में होने वाले निकाय और पंचायती राज चुनाव से पहले सरकार इस मुद्दे पर अंतिम निर्णय ले सकती है। पंचायती राज विभाग और स्वायत्त शासन विभाग से विस्तृत रिपोर्ट मांगी गई है। कई विधायकों और जनप्रतिनिधियों ने लिखित अपील की है कि 30 साल पुराना कानून अब बदलते सामाजिक परिदृश्य में प्रासंगिक नहीं रहां।

राजनीतिक विश्लेषकों का क्या कहना हैं ?

  • यह फैसला हजारों आकांक्षी उम्मीदवारों को राहत देगा।
  • जनसंख्या नियंत्रण नीति की व्याख्या में नया मोड़ आएगा।
  • ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में स्थानीय नेतृत्व का स्वरूप बदलेगा।

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