
Rajasthan News: निर्दलीय विधायक रविंद्र सिंह भाटी, जिन्होंने लोकसभा चुनाव 2024 में बाड़मेर-जैसलमेर से चुनाव लड़ा था, ने राजस्थान विधानसभा में बड़ा बयान दिया है। उन्होंने आरोप लगाया कि लोकसभा चुनाव के तुरंत बाद उनके खिलाफ 3 मुकदमे दर्ज किए गए।

‘हम जनता की आवाज नहीं उठाएंगे तो कौन उठाएगा?’
विधानसभा में अपने संबोधन के दौरान रविंद्र भाटी ने कहा कि जब उन्होंने लोकसभा चुनाव के लिए नामांकन भरा और घर लौटे, तो उनके घर पर इनकम टैक्स के नोटिस पहुंच चुके थे। उन्होंने सवाल उठाते हुए कहा,
“अगर हम ही जनता की आवाज नहीं उठाएंगे, तो कौन उठाएगा? क्या लोकतंत्र को मजबूत करने का यही तरीका है कि चुनाव लड़ने के बाद विरोधियों पर केस कर दिए जाएं?”
भाटी ने आरोप लगाया कि यह सब राजनीतिक प्रतिशोध के तहत किया गया है। उन्होंने कहा कि राजस्थान के मुख्यमंत्री और बीजेपी के बड़े नेताओं को इस बारे में जानकारी भी नहीं होगी, लेकिन कुछ लोग सरकार की छवि खराब करने के लिए ऐसा कर रहे हैं।
विश्वविद्यालयों में कुलपति नियुक्तियों पर उठाए सवाल
इससे पहले गुरुवार को विधानसभा में चर्चा के दौरान रविंद्र भाटी ने राजस्थान के विश्वविद्यालयों में कुलपति नियुक्तियों में भ्रष्टाचार का गंभीर आरोप लगाया। उन्होंने कहा,
“जो जितनी बड़ी अटैची (रिश्वत) देता है, उसे कुलपति बना दिया जाता है। योग्य शिक्षाविदों को नजरअंदाज किया जा रहा है, जिससे राज्य की उच्च शिक्षा व्यवस्था लगातार गिरती जा रही है।”
‘खाली प्रोफेसर पदों को जल्द भरा जाए’
उन्होंने सरकार से मांग की कि राज्य में खाली पड़े प्रोफेसर पदों को तुरंत भरा जाए और विश्वविद्यालयों में पारदर्शिता लाने के लिए कठोर कदम उठाए जाएं।
‘मंत्री विश्वविद्यालयों का दौरा करें, सर्किट हाउस में बैठने से नहीं होगा सुधार’
भाटी ने शिक्षा व्यवस्था में सुधार को लेकर सरकार से अपील करते हुए कहा, “शिक्षा नीति को लगातार कमजोर किया जा रहा है और इसके लिए हम 200 विधायक ही जिम्मेदार हैं। मंत्री सिर्फ सर्किट हाउस में रुकने की बजाय विश्वविद्यालयों का दौरा करें, छात्रों और शिक्षकों से संवाद करें और शिक्षा व्यवस्था को सुधारने के लिए ठोस कदम उठाएं।”