Rajasthan News: जोधपुर. बहुचर्चित एएनएम भंवरी देवी हत्या के 12 साल बाद भी उसका डेथ सर्टिफिकेट जारी नहीं हो सका है. ग्राम पंचायत बोरुंदा ने भी विधिक नोटिस के जवाब में कह दिया है कि भंवरी देवी की मृत्यु का स्थान सुनिश्चित नहीं है इसलिए डेथ सर्टिफिकेट नहीं बनाया जा सकता.

दरअसल भंवरी देवी का मृत्यु प्रणाम पत्र नहीं बनने पर उसके पुत्र साहिल ने अपने अधिवक्ता भवानी सिंह भलासरिया के मार्फत कार्यालय जिला जन्म एवं मृत्यु एवं संयुक्त निदेशक आर्थिक एवं सांख्यिकी विभाग कलेक्ट्रेट जोधपुर, तहसीलदार पीपाड़ सिटी, ग्राम पंचायत बोरुंदा को विधिक नोटिस भेजा था. विधिक नोटिस में मांग की थी कि एक सितंबर 2011 को साहिल पेमावत की माता भंवरी देवी की हत्या हो गई थी जिसकी जांच सीबीआई द्वारा की गई.

सीबीआई ने एक सितंबर को ही भंवरी देवी की हत्या मानकर आरोपी के विरुद्ध चालान पेश किया. इसके बावजूद लंबे समय बाद भी भंवरी देवी का मृत्यु प्रमाण पत्र जारी नहीं हुआ. इसपर साहिल ने अपने वकील के माध्यम से ग्राम पंचायत बोरुंदा को भेजे विधिक नोटिस का जवाब दिया गया है.

ग्राम पंचायत बोरुंदा ने जवाब में लिखा है कि भंवरी देवी की मृत्यु का स्थान सुनिश्चित नहीं होने के कारण मृत्यु प्रमाण पत्र जारी नहीं किया जा सकता. वहीं जिला राजस्थान जन्म एवं मृत्यु एवं संयुक्त निदेशक आर्थिक सांख्यिकी विभाग जोधपुर द्वारा भी विधिक नोटिस के जवाब में कहा गया, कि मामला न्यायालय में विचाराधीन है.

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