Rajasthan News: राज्य सरकार द्वारा औद्योगीकरण की प्रक्रिया को लगातार सुगम बनाने एवं उद्यमियों की सुविधाओं को विस्तृत करने के साथ राज्य में अधिकाधिक वृक्षारोपण की संकल्पना को साकार करने की दिशा प्रतिबद्धतता के साथ कार्य किया जा रहा है। राजस्थान राज्य प्रदूषण नियंत्रण मंडल के अध्यक्ष शिखर अग्रवाल ने बताया कि खनन उद्यमियों के लिए प्रक्रिया को सरल बनाते हुए  अनिवार्य वृक्षारोपण की शर्त में शिथिलता प्रदान की गयी है। 

मंडल अध्यक्ष ने बताया कि अब खनन व्यवसायी वन विभाग  को निर्धारित धन राशि जमा कर अनिवार्य वृक्षारोपण की प्रक्रिया से बच सकेंगे। ऐसे में वन विभाग की ओर से  जमा की गयी धन राशि से वृक्षारोपण करने का कार्य किया जायेगा। उन्होंने बताया की ऐसा करने से खनन व्यवसायियों को खनन व्यवसाय स्थापित करने में आसानी होगी साथ वन विभाग द्वारा उक्त प्रक्रिया के तहत  किये जाने वाले वृक्षारोपण से राज्य में वृक्ष आवरण की संख्या में इजाफा होगा  इसके परिणामस्वरुप राज्य में प्रदूषण मुक्त राजस्थान की संकल्पना को साकार करने के लिए नयी दिशा मिल सकेगी। 

पहले खनन क्षेत्र के 1/3 स्थान पर करना होता था वृक्षारोपण 

राजस्थान राज्य प्रदूषण नियंत्रण मंडल के सदस्य सचिव विजय एन ने  जानकारी देते हुए बताया कि  कई मामलों में विशेष रूप से जब खदानें छोटी होती हैं, तो  अनिवार्य वृक्षारोपण की  शर्त का पालन करने के लिए परियोजना प्रस्तावक के पास अनुपयुक्त भूमि, सीमित स्थान जैसे विभिन्न कारकों के कारण वृक्षारोपण सफल नहीं  हो पाता  था। उन्होंने बताया कि अनिवार्य वृक्षारोपण की शर्त का मुख्य उद्देश्य खनन स्थान पर प्रदूषण की समस्या से निजात पाना था। उन्होंने बताया कि इसके लिए खनन उद्यमियों को खनन क्षेत्र के 1/3 स्थान पर अनिवार्य रूप से आवश्यक था साथ ही सीमित स्थान होने की दिशा में अन्यत्र जगह लेकर वृक्षारोपण करना होता था। खनन  उद्यमियों को  वृक्षारोपण में आ रही परेशानियों को मध्यनजर  रखते हुए यह निर्णय लिया गया है। 

अब खनन उद्यमियों द्वारा वन विभाग को वृक्षारोपण के लिए निर्धारित राशि जमा करवाई जा सकेगी एवं उक्त राशि के जरिए वन विभाग द्वारा वृक्षारोपण किया जायेगा। उक्त सम्बन्ध में प्रभावी आदेश के साथ विस्तृत गाइडलाइन्स जारी कर  दी गयी है।

ये खबरें भी जरूर पढ़ें