Rajasthan News: राजस्थान हाई कोर्ट ने अभिनेता सलमान खान और अभिनेत्री शिल्पा शेट्टी को बड़ी राहत देते हुए उनके खिलाफ दर्ज एससी-एसटी एक्ट से जुड़ी FIR को रद्द कर दिया है। हाई कोर्ट की जस्टिस अरुण मोंगा की एकल पीठ ने यह फैसला सुनाया। यह मामला 2013 के एक इंटरव्यू से जुड़ा है, जिसमें दोनों कलाकारों पर वाल्मीकि समाज की भावनाओं को ठेस पहुंचाने का आरोप लगाया गया था।

2013 के इंटरव्यू और 2017 की FIR का मामला
22 दिसंबर 2017 को चूरू के कोतवाली थाने में वाल्मीकि समाज के अशोक पंवार ने शिकायत दर्ज कराई थी। आरोप था कि 2013 के एक टीवी इंटरव्यू में शिल्पा शेट्टी ने ‘भंगी’ शब्द का इस्तेमाल किया, जिसमें सलमान खान भी शामिल थे। शिकायत के अनुसार, इस बयान से वाल्मीकि समुदाय की भावनाओं को ठेस पहुंची। हालांकि, कोर्ट ने पाया कि एससी-एसटी एक्ट में 2015 में संशोधन हुआ था, इसलिए 2013 की घटना पर 2017 में केस दर्ज करना कानूनन सही नहीं है।
हाई कोर्ट ने FIR रद्द करने के कारण बताए
- ठेस पहुंचाने की मंशा का अभाव: कोर्ट ने कहा कि एससी-एसटी एक्ट के तहत अपराध साबित करने के लिए दुर्भावना या ठेस पहुंचाने की स्पष्ट मंशा होनी चाहिए, जो इस मामले में नहीं दिखती।
- प्रीलिमनरी जांच का अभाव: बिना प्राथमिक जांच के FIR दर्ज करना एक्ट के प्रावधानों के खिलाफ है।
- देरी से दर्ज हुई शिकायत: घटना के चार साल बाद शिकायत दर्ज करना भी इस मामले को कमजोर करता है।
हाई कोर्ट का बयान
हाई कोर्ट ने कहा कि सार्वजनिक हस्तियों के बयान कभी-कभी लोगों द्वारा बढ़ा-चढ़ाकर पेश किए जाते हैं, जिससे मीडिया का ध्यान खींचा जा सके। कोर्ट ने यह भी कहा कि जब तक किसी को जानबूझकर नुकसान पहुंचाने की मंशा न हो, तब तक आपराधिक जिम्मेदारी तय नहीं की जा सकती।
कोर्ट में पक्षकारों की दलीलें
शिल्पा शेट्टी की ओर से अधिवक्ता प्रशांत पाटिल और गोपाल संधू ने उनका पक्ष रखा। वहीं, राज्य सरकार की तरफ से विक्रम राजपुरोहित ने पैरवी की। सुनवाई के बाद कोर्ट ने एफआईआर रद्द करने का आदेश दिया।
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