Rajasthan News: कांग्रेस नेता सचिन पायलट ने केंद्र सरकार से जातिगत जनगणना को तय समय सीमा में पूरा करने की मांग की है। उन्होंने दिल्ली में INDIA गठबंधन द्वारा आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि यह केवल एक आंकड़ा संग्रह प्रक्रिया नहीं, बल्कि सामाजिक न्याय की दिशा में एक जरूरी कदम है।

“बंटोगे तो कटोगे” पर कटाक्ष

पायलट ने भाजपा के एक वरिष्ठ नेता के पुराने बयान “बंटोगे तो कटोगे” का हवाला देते हुए कहा कि भाजपा और उसके नेता लंबे समय से जातिगत जनगणना का विरोध करते आ रहे हैं। उन्होंने तंज कसते हुए कहा कि वही सरकार अब दबाव में आकर इस प्रक्रिया की घोषणा करने को मजबूर हुई है।

“राहुल गांधी को बताया गया अर्बन नक्सल”

सचिन पायलट ने कहा कि जब कांग्रेस और राहुल गांधी ने इस मुद्दे को प्रमुखता से उठाया, तो उन्हें ‘अर्बन नक्सल’ तक कहा गया। उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा सरकार ने जातिगत जनगणना को कभी ज़हर कहा था, लेकिन अब जन दबाव और कांग्रेस के निरंतर प्रयासों के चलते उन्हें पीछे हटना पड़ा।

“अब सरकार की मनमानी नहीं चलेगी”

पायलट ने कहा कि जातिगत जनगणना केवल सामाजिक संरचना जानने का माध्यम नहीं, बल्कि इससे बजट आवंटन, नीति निर्धारण और योजनाओं के क्रियान्वयन में पारदर्शिता आएगी। अब सरकार किसी खास वर्ग या क्षेत्र को मनमाने तरीके से फायदा नहीं पहुंचा सकेगी।

“जनगणना की समयसीमा घोषित करे सरकार”

उन्होंने केंद्र से स्पष्ट समयरेखा की मांग करते हुए कहा कि सरकार को यह बताना चाहिए कि जातिगत जनगणना कब तक पूरी की जाएगी और किन मानकों के आधार पर होगी। उन्होंने कहा, “जैसा राहुल गांधी कहते हैं, यह देश के लिए एक एक्स-रे की तरह है, जिससे सही भागीदारी सुनिश्चित हो सकेगी।”

सामाजिक न्याय पर कांग्रेस का प्रस्ताव

उन्होंने जानकारी दी कि कांग्रेस कार्यसमिति की बैठक में सामाजिक न्याय को लेकर सर्वसम्मति से प्रस्ताव पारित किया गया है, जिसमें जातिगत जनगणना को एक महत्वपूर्ण उपकरण के रूप में देखा गया है।

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