Rajasthan News: राजस्थान में स्कूलों के मर्जर को लेकर मचे सियासी घमासान के बीच उप मुख्यमंत्री डॉ. प्रेमचंद बैरवा ने कांग्रेस के आरोपों को खारिज करते हुए स्थिति स्पष्ट की है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने स्कूल बंद नहीं किए हैं, बल्कि उन्हें मर्ज किया है ताकि गुणवत्तापूर्ण शिक्षा और सुव्यवस्थित अध्ययन सुनिश्चित किया जा सके।

शून्य नामांकन वाले स्कूलों का मर्जर
डॉ. बैरवा ने बताया कि जिन सरकारी स्कूलों में शून्य नामांकन थे या जो एक ही परिसर में संचालित हो रहे थे, उन्हें नई शिक्षा नीति के तहत मर्ज किया गया है। यह कदम शिक्षा की गुणवत्ता को सुधारने और संसाधनों का बेहतर उपयोग सुनिश्चित करने के लिए उठाया गया है। उन्होंने कहा कि अगर मर्ज की गई स्कूलों में नामांकन बढ़ता है, तो उन्हें फिर से खोला जाएगा।
कांग्रेस पर निशाना
डिप्टी सीएम ने कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा कि उनकी सरकार के दौरान बिना संसाधन और योजना के अंग्रेजी माध्यम स्कूल खोले गए थे, जबकि वर्तमान सरकार बच्चों के भविष्य को ध्यान में रखते हुए निर्णय ले रही है। उन्होंने आरोप लगाया कि कांग्रेस सरकार के दौरान भ्रष्टाचार और प्रशासनिक निष्क्रियता से जनता परेशान थी, इसलिए भाजपा को चुना गया।
जनहित में फैसले और कांग्रेस की असहजता
डॉ. बैरवा ने कहा कि मुख्यमंत्री श्री भजनलाल शर्मा के नेतृत्व में डबल इंजन सरकार ने एक साल में कई ऐतिहासिक फैसले लिए हैं। पानी की समस्या, युवाओं के साथ हुए धोखे को सुधारने और दोषियों को जेल पहुंचाने जैसे कार्यों से जनता को राहत मिली है।
उन्होंने आरोप लगाया कि कांग्रेस को प्रदेश में जनहित के कार्य बर्दाश्त नहीं हो रहे, इसलिए वह जनता को गुमराह करने की कोशिश कर रही है।
पढ़ें ये खबरें
- रफ्तार का कहर: डंपर ने बाइक को मारी टक्कर, 11 साल के बेटे की गई जान, पिता गंभीर घायल, ड्राइवर ने किया सरेंडर
- भारत-साइप्रस संबंधों में नए अध्याय की शुरुआत: पीएम मोदी को मिला साइप्रस का सर्वोच्च सम्मान, बोले- यह दोनों देशों के बीच की मित्रता को समर्पित
- चलती बाइक पर इश्कबाजी पड़ी महंगी, नोएडा पुलिस ने काटा तगड़ा चालान; Video Viral
- गौ तस्करी रोकने प्रशासन निष्क्रिय : गौ रक्षकों ने जताई नाराजगी, 70 से अधिक गायों को तस्करों के चंगुल से छुड़ाया
- छत्तीसगढ़ में आज से खुल गए स्कूल : मंत्री केदार कश्यप बोले – युक्तियुक्तकरण से बेहतर हो रही स्थितियां, शिक्षा हित में शिक्षकों को निर्णय लेने की जरूरत