Rajasthan News: डूंगरपुर कलक्ट्रेट में ऐसा नजारा सामने आया जिससे हर कोई स्तब्ध रह गया, जब उदयपुर के सांसद डॉ. मन्नालाल रावत, बांसवाड़ा से बीएपी सांसद राजकुमार रोत और आसपुर विधायक उमेश डामोर के बीच कहासुनी हो गई। एकबारगी माहौल इतना गर्मा गया कि सुरक्षाकर्मियों को बीच बचाव करना पड़ा।

घटनाक्रम के अनुसार सोमवार को डूंगरपुर कलक्ट्रेट में जिला विकास समन्वय एवं निगरानी समिति (दिशा) की बैठक हुई, जिसमें सांसद-विधायक के अलावा कलक्टर अंकित कुमार सिंह, जिला परिषद के मुख्य कार्यकारी अधिकारी हनुमानसिंह राठौड़, एएसपी मुकेश सांखला सहित कई अधिकारी मौजूद थे।

क्षेत्र की हर समस्या पर चर्चा हो सकती है: रोत

बैठक की शुरूआत में बीएपी सांसद राजकुमार रोत एजेंडे से हटकर राज्य सरकार के मुद्दे उठाने लगे। इस पर सांसद रावत ने एजेंडे के अनुसार योजनाओं के मुद्दे ही रखने की बात कही। इस पर दोनों के बीच बहस शुरू हो गई। रोत बोले कि बैठक का अध्यक्ष मैं हूं और इसमें क्षेत्र की हर उस समस्या पर बर्चा हो सकती है जो जनता से जुड़ी है। बहस तब और बढ़ गई, जब रोत ने सांसद डॉ. रावत से कहा कि तुम यहां माहौल खराब करने आए हो, डूंगरपुर का विकास बहीं चाहते हो। इस पर रावत भी तमतमा उठे और रोत के शब्दों पर जमकर आक्रोश जताया। ऐसे में सुरक्षाकर्मियों ने गोर्चा संभाला।

15 मिनट तक चला ड्रामा

जब यह बहस चल ही रहीं थी, तभी आसपुर विधायक उमेश डामोर बहस में कूद पड़े। विधायक डामोर और सांसद रावत के बीच तू-तू, मैं-मैं शुरू हो गई। बात इतनी बढ़ गई कि डामोर ने सांसद मन्नालाल को धमकाते कहा कि लड़ाई करनी है तो बाहर आ जाओ। यह हाई-वोल्टेज ड्रामा करीब 15 मिनट तक चला। इसके कारण बैठक का माहौल पूरी तरह गरमा गया। सुरक्षाकर्मियों ने आकर बचाव किया। सदन में मौजूद अन्य सदस्यों और प्रशासनिक अधिकारियों ने कड़ी मशक्कत के बाद दोनों पक्षों को शांत कराया।

राजनीतिक छिछोरापन : मन्नालाल रावत

सांसद डॉ. रावत ने कहा कि बैठक के दौरान रोत व विधायक ने राजनीतिक छिछोरापन दिखाता है। बीएपी नेताओं को डूंगरपुर और आदिवासी विकास से कोई मतलब नहीं था, बल्कि राज्य सरकार की ओर से कराए जा रहे शिविरों और विकास कार्यों को लेकर हल्की बयानबाजी की। यहां तक कि आंगनवाड़ी कार्यकताओं को लेकर बहुत निंदाजनक टिप्पणी की। सांसद डॉ रावत ने कहा कि बीएपी सांसद व विधायक के इसी रवैये को लेकर उन्होंने बैठक में खुलकर विरोध किया व मोदी की सरकार की ओर से निर्देशित एजेंडा पर ही चर्चा करने का आग्रह किया, जिस पर बीएपी के इन नेताओं ने बाहर निकल कर देखे लेने और अपशब्द कहकर धमकी दी।

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