राजस्थान के सवाईमाधोपुर जिले में एक 6 साल के बच्चे की बेरहमी से हत्या कर उसके शव को तालाब के पास झाड़ियों में फेंक दिया गया. बच्चे का शव मिलने से पूरे इलाके में दहशत का माहौल है. जानकारी मिलने के बाद पुलिस ने मौके पर पहुंचकर शव को पोस्टमॉर्टम के लिए भेज दिया है और मामले की जांच शुरू कर दी है. जब इलाके में ये खबर फैली तब पता चला कि 2 साल पहले मृतक के बड़े भाई की भी हत्या कर दी गई थी. वहीं, इस मामले का आरोपी जेल से बाहर आने के बाद पीड़ित परिवार पर समझौता करने का दबाव बना रहा था.

घर से अचानक लापता हुआ था बच्चा
बता दें कि सोमवार, 3 अगस्त को हरिपुरा गांव का 6 साल का बालक प्रियांशु बैरवा घर से लापता हो गया. परिजनों ने आस-पास के इलाकों में उसे खोजने की कोशिश की, लेकिन वह कहीं नहीं मिला. जिसके बाद 4 अगस्त की देर शाम, घर से करीब 200 मीटर दूर एक तालाब के पास झाड़ियों में प्रियांशु का शव पड़ा मिला. बच्चे से कमर से नीचे का हिस्सा क्षतिग्रस्त अवस्था में था. इस वारदात से ग्रामीण काफी आक्रोश में हैं और उन्होंने पुलिस पर लापरवाही का आरोप लगाया. परिजनों ने शव का पोस्टमॉर्टम कराने से इनकार कर दिया है, साथ ही बच्चे का शव लेने से भी मना कर दिया है.
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पहले से है बड़े बेटे की हत्या का आरोप
वहीं, ग्रामीणों और परिजनों ने मंगलवार को गांव में धरना शुरू कर दिया और 50 लाख रुपये का मुआवजा, आरोपियों की तुरंत गिरफ्तारी, और पीड़ित परिवार को सुरक्षा मुहैया कराना जैसी मांगें रखी है. बच्चे के परिजनों ने मुख्यमंत्री के नाम जिला कलक्टर को एक ज्ञापन भी सौंपा, जिसमें दो आरोपियों को नामजद किया गया है. मृतक प्रियांशु के पिता ने बताया कि 2 साल पहले इन्हीं आरोपियों ने उनके बड़े बेटे गौरव उर्फ गोलू (9 वर्ष) की भी हत्या कर दी थी. इसी मामले में मुख्य आरोपी नागेंद्र उर्फ नेगी जेल में बंद था और हाल ही में बाहर आया था. वहीं, कुछ दिन पहले ही उसने फोन पर जान से मारने की धमकी भी दी थी. जिसकी जानकारी पुलिस को दी गई थी.
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प्रशासन ने दिया आश्वासन
इस मामले की गंभीरता को देखते हुए तहसीलदार राकेश मीणा, पुलिस उपाधीक्षक सीताराम, और बाटोदा थानाधिकारी यशपाल सिंह मौके पर पहुंचे और ग्रामीणों को समझाने का प्रयास किया. काफी मशक्कत के बाद, पुलिस और प्रशासनिक अधिकारियों के आश्वासन पर परिजन पोस्टमॉर्टम के लिए राजी हुए. जिसके बाद अधिकारियों ने भरोसा दिलाया कि वे जल्द ही आरोपियों को गिरफ्तार करेंगे और नियमानुसार आर्थिक सहायता के लिए सरकार को अवगत कराएंगे. बच्चे के शव को पोस्टमॉर्टम के बाद अंतिम संस्कार के लिए परिजनों को सौंप दिया है.
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