Rajasthan News: पहलगाम आतंकी हमले के बाद भारत में सुरक्षा व्यवस्था को और सख्त कर दिया गया है. सीमावर्ती क्षेत्रों से लेकर प्रत्येक जिले में संदिग्ध विदेशी नागरिकों की जांच और धरपकड़ तेज हो गई है. इस दौरान पाकिस्तानी नागरिकों को उनके देश वापस भेजा जा रहा है. साथ ही, राजस्थान सरकार अवैध रूप से रह रहे बांग्लादेशी नागरिकों की पहचान और उनके खिलाफ कार्रवाई में जुटी है.

मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने बुधवार को एक उच्च स्तरीय बैठक में अधिकारियों को इस संबंध में स्पष्ट निर्देश दिए थे. इसके बाद पुलिस ने पूरे प्रदेश में अवैध बांग्लादेशी नागरिकों के खिलाफ व्यापक अभियान शुरू किया है. इस अभियान के लिए विभिन्न टीमें गठित की गई हैं, जो खदानों, फैक्ट्रियों, ईंट भट्टों, मकानों, दुकानों और अन्य स्थानों पर काम करने वाले लोगों की जांच कर रही हैं.

बांग्लादेशी नागरिकों के खिलाफ विशेष अभियान

जयपुर रेंज की आईजी अजय पाल लांबा ने बताया कि प्रदेश में बांग्लादेशी नागरिकों के खिलाफ विशेष अभियान चलाया जा रहा है. पिछले दो दिनों से यह अभियान जारी है. जयपुर पुलिस रेंज में अब तक 90 बांग्लादेशी नागरिकों को चिह्नित किया गया है, जिन्हें डिटेंशन सेंटर भेजने की तैयारी की जा रही है. इनमें सीकर में 34, जयपुर ग्रामीण में 14, कोटपूतली-बहरोड़ में 35, दौसा में 3 और सलूम्बर में 27 बांग्लादेशी नागरिक शामिल हैं.

सलूम्बर और जयपुर में बांग्लादेशियों की गिरफ्तारी

चेकिंग अभियान के दौरान संदिग्ध लोगों से गहन पूछताछ की गई. पूछताछ में पता चला कि ये सभी बांग्लादेशी नागरिक हैं, जो 2014 के आसपास अलग-अलग समय पर पैदल ही पश्चिम बंगाल के रास्ते भारत-बांग्लादेश सीमा पार कर भारत में आए थे. इसके बाद वे काम की तलाश में सलूम्बर के ईंट भट्टों पर पहुंचे. पुलिस मामले की गहन जांच कर रही है.

अजमेर में बड़ी कार्रवाई

अजमेर में अवैध बांग्लादेशी नागरिकों के खिलाफ चलाए गए अभियान में जिला पुलिस ने महत्वपूर्ण कार्रवाई की. पुलिस ने 2100 से अधिक संदिग्ध लोगों को हिरासत में लेकर उनकी जांच की. इस दौरान दस्तावेजों का सत्यापन किया गया और अवैध पाए गए लोगों के खिलाफ कार्रवाई शुरू की गई. जांच के बाद 6 बांग्लादेशी नागरिकों की पहचान की गई, जो अवैध रूप से भारत में रह रहे थे. अजमेर पुलिस ने इनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई शुरू कर दी है.

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