Rajasthan News: आसाराम को मिली छह महीने की जमानत के खिलाफ पीड़िता ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है. उसकी मांग है कि जमानत रद्द की जाए. गुजरात हाई कोर्ट में जमानत याचिका पर सुनवाई के दौरान आसाराम की ओर से यह तर्क दिया गया था कि जोधपुर कोर्ट ने उन्हें छह महीने की जमानत पहले ही दे दी है. उनकी उम्र 86 साल है और वे दिल की बीमारी से जूझ रहे हैं, इसलिए इलाज का अधिकार उन्हें मिलना चाहिए.

गुजरात हाई कोर्ट ने भी इन तर्कों को देखते हुए अंतरिम जमानत दे दी. अदालत ने कहा कि जब जोधपुर हाई कोर्ट मेडिकल स्थिति को देखते हुए राहत दे चुका है, तो वह इससे अलग निर्णय नहीं ले सकती. अगर राजस्थान सरकार इस जमानत को चुनौती देती है, तो गुजरात सरकार भी ऐसा कर सकेगी।
पीड़िता की ओर से पेश वकील ने अदालत में बताया कि आसाराम की सेहत को लेकर पेश की जा रही तस्वीर सही नहीं है. उनके मुताबिक आसाराम अहमदाबाद, जोधपुर, इंदौर जैसे शहरों में घूमते रहे हैं और किसी अस्पताल में कभी लंबा इलाज नहीं कराया. वे ऋषिकेश से महाराष्ट्र तक यात्रा कर चुके हैं, जबकि जोधपुर में आयुर्वेदिक उपचार भी लगातार चलता रहा है. ऐसे में गंभीर बीमारी का दावा टिकता नहीं है।
बता दें कि अंतरिम जमानत मिलने के बाद आसाराम ने अदालत से सत्संग करने, आश्रम में प्रवचन देने और अनुयायियों से मिलने-जुलने की अनुमति मांगी थी. हाई कोर्ट ने यह छूट देने से साफ इनकार कर दिया था. साथ ही आसाराम ने पुलिस निगरानी से राहत का भी अनुरोध किया था, जिस पर अदालत का फैसला अभी बाकी है.
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