Rajasthan News: अजमेर पुलिस अधीक्षक वंदिता राणा ने सोमवार को सिविल लाइन थाने में कथित अनियमितताओं के खिलाफ सख्त कार्रवाई की। थाना प्रभारी राजवीर सिंह को लाइन हाजिर कर दिया गया, जबकि हेड कांस्टेबल रामनिवास विश्नोई और सिपाहियों सीताराम व चंद्रप्रकाश को तत्काल निलंबित कर दिया गया। यह कार्रवाई एक युवक की शिकायत के बाद हुई, जिसमें इन पुलिसकर्मियों पर अवैध गिरफ्तारी और रुपये मांगने का गंभीर आरोप लगाया गया था।

क्या है मामला?

जानकारी के अनुसार, तीन दिन पहले जयपुर के एक युवक को धोखाधड़ी के मामले में पूछताछ के लिए बिना किसी विधिक नोटिस या समन के जबरन अजमेर लाया गया। आरोप है कि पुलिसकर्मियों ने युवक को गिरफ्तारी का डर दिखाकर रुपये की मांग की। रुपये नहीं मिलने पर उसे शांति भंग के आरोप में गिरफ्तार कर लिया गया। युवक ने इस कार्रवाई को अवैध बताते हुए कहा कि न तो गिरफ्तारी से पहले कोई विधिक प्रक्रिया अपनाई गई और न ही कोई औपचारिक नोटिस दिया गया।

युवक ने की उच्च अधिकारियों से शिकायत

युवक ने न केवल अजमेर जिला पुलिस अधीक्षक वंदिता राणा, बल्कि दिल्ली में उच्च पुलिस अधिकारियों को भी इस घटनाक्रम की जानकारी दी। शिकायत के बाद मामले की जांच नॉर्थ एएसपी रूद्र प्रकाश को सौंपी गई। जांच में पाया गया कि चारों पुलिसकर्मियों ने ड्यूटी के दौरान कानून और प्रक्रियाओं का उल्लंघन किया। गिरफ्तारी में भारी अनियमितताएं सामने आईं, जिसके आधार पर यह कार्रवाई की गई।

एसपी का बयान: कानून का पालन सर्वोपरि

एसपी वंदिता राणा ने कहा, “पुलिस विभाग में अनुशासन और कानून का पालन सर्वोच्च प्राथमिकता है। किसी भी अधिकारी या कर्मचारी द्वारा नियमों की अवहेलना बर्दाश्त नहीं की जाएगी।” उन्होंने इस कार्रवाई को पुलिस विभाग में पारदर्शिता और जवाबदेही सुनिश्चित करने की दिशा में एक कदम बताया।

निलंबित पुलिसकर्मियों के खिलाफ विभागीय जांच शुरू कर दी गई है। सूत्रों के अनुसार, इस मामले में और भी खुलासे हो सकते हैं।

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