Rajasthan News: राजस्थान इन दिनों 7 दशक बाद की सबसे भयावह बारिश का सामना कर रहा है। हालात इतने खराब हो चुके हैं कि कई जिलों में सड़कों पर बाढ़ जैसा मंजर है, नदियां उफान पर हैं और बस्तियां जलमग्न हो चुकी हैं। कोटा, जयपुर, भरतपुर, सवाई माधोपुर, टोंक, अजमेर और उदयपुर जैसे जिलों में भारी जलभराव ने आम जनजीवन को पूरी तरह प्रभावित कर दिया है।

धौलपुर में सेना की एंट्री
धौलपुर सबसे ज्यादा प्रभावित जिलों में से एक है, जहां चंबल नदी खतरे के निशान से करीब 12 मीटर ऊपर बह रही है। निचले इलाकों में पानी भरने से कई बस्तियां डूब गईं हैं। हालात को संभालने के लिए सेना को रेस्क्यू ऑपरेशन में लगाया गया है। पार्वती बांध के चार गेट खोलने से जलस्तर और बढ़ने की आशंका जताई गई है।
बारिश ने तोड़ा दशकों पुराना रिकॉर्ड
राजस्थान में इस बार जुलाई महीने में 285 मिमी बारिश रिकॉर्ड की गई है, जो सामान्य औसत 161.4 मिमी से 77% अधिक है। ये राज्य में बीते 69 वर्षों में जुलाई महीने की दूसरी सबसे अधिक बारिश है। इससे पहले वर्ष 1956 में जुलाई में 308 मिमी बारिश दर्ज की गई थी।
6 जिलों के लिए येलो अलर्ट
मौसम विभाग ने 1 अगस्त को 6 जिलों के लिए येलो अलर्ट जारी किया है, जहां मध्यम से भारी बारिश की संभावना जताई गई है। बाकी जिलों में मौसम शुष्क रहने या केवल हल्की बारिश होने की उम्मीद है।
राहत और बचाव कार्य जारी
राज्य सरकार की आपदा राहत टीमें, SDRF और स्थानीय प्रशासन युद्धस्तर पर राहत कार्यों में जुटे हुए हैं। जलमग्न कॉलोनियों से लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया जा रहा है, जबकि कई इलाकों में नावों की मदद से रेस्क्यू ऑपरेशन चलाए जा रहे हैं।
ट्रैफिक और स्कूलों पर असर
भारी बारिश की वजह से कई जिलों में स्कूलों की छुट्टियां घोषित कर दी गई हैं। ट्रैफिक पुलिस ने कई मार्गों को बंद किया है और वैकल्पिक रास्तों की सलाह दी है।
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