Rajasthan Patwari Strike: राजस्थान में पटवारी संघ ने अपनी लंबित मांगों को लेकर 13 जनवरी से अनिश्चितकालीन हड़ताल शुरू कर दी है। इस हड़ताल का असर राज्यभर में देखने को मिल रहा है, खासकर बीकानेर की श्रीडूंगरगढ़ तहसील में, जहां पटवारी हड़ताल पर जाने के बाद प्रशासनिक कार्य ठप हो गया है।

पटवारी संघ के नेताओं ने कहा कि उनकी मुख्य मांगें सरकार द्वारा निर्धारित दिशा-निर्देशों के कारण हल नहीं हो रही हैं। खासकर ग्रामीण क्षेत्रों में खेतों की गिरदावरी में समस्या उत्पन्न हो रही है, क्योंकि सर्वर डाउन होने के कारण एप्लिकेशन काम नहीं कर पा रहा है। पटवार संघ का आरोप है कि उनके कामकाज में रुकावट आ रही है और विभिन्न प्रशासनिक सुविधाओं की कमी हो रही है।

कामकाज हुआ पूरी तरह से ठप

हड़ताल के चलते तहसील कार्यालय में दैनिक कार्य, जैसे भूमि रजिस्ट्री, नामांतरण, खातेदारी संशोधन और अन्य कागजी काम पूरी तरह से ठप हो गए हैं। आम जनता खासकर किसान और ग्रामीण क्षेत्रों के लोग इस परेशानी से जूझ रहे हैं, क्योंकि उनके लिए पटवारी कार्यालय पर निर्भरता अधिक है।

पटवारी संघ की प्रमुख मांगें

  • भू अभिलेख निरीक्षक पद की डीसीपी– पटवारियों ने भू अभिलेख निरीक्षक के पद से नायब तहसीलदार पद की डीसीपी को जल्द बहाल करने की मांग की है, जो पहले से लंबित पड़ी है।
  • नए भू अभिलेख निरीक्षक पद– 752 नए भू अभिलेख निरीक्षक पदों को जल्द क्लीयर करने और अन्य नए पदों का सृजन करने की मांग की गई है।
  • पदोन्नति में सुधार– नायब तहसीलदार से तहसीलदार के पद पर पदोन्नति का कोटा बढ़ाने की मांग की गई है।
  • पटवार भवनों में सुविधाएं– पटवार भवनों में फर्नीचर, कंप्यूटर, लैपटॉप जैसी सुविधाओं की आपूर्ति की मांग की गई है।
  • स्टेशनरी भत्ता बढ़ोतरी– स्टेशनरी भत्ते को 1000 रुपये तक बढ़ाने की मांग की जा रही है।
  • हार्ड ड्यूटी भत्ता– हार्ड ड्यूटी भत्ते को 5000 रुपये तक बढ़ाने की भी मांग की गई है।

पढ़ें ये खबरें