Rajasthan University से जुड़ी एक बड़ी खबर सामने आई है. महारानी कॉलेज की प्रिंसिपल निमाली सिंह को निलंबित कर दिया गया है. उन पर वित्तीय अनियमितता और भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप लगे हैं. निलंबन की यह कार्रवाई राजस्थान विश्वविद्यालय की कुलपति अल्पना कटेजा द्वारा की गई है.

प्रिंसिपल निमाली सिंह पर आरोप है कि उन्होंने RUSA (राष्ट्रीय उच्चतर शिक्षा अभियान) 2.0 के तहत मिले प्रोजेक्ट फंड का दुरुपयोग किया. 2021 में होम साइंस विभाग को “Assessment of Food Safety through Testing, Screening Labels, and Profiling Food Nutritionality” प्रोजेक्ट के लिए 1.83 करोड़ रुपए मिले थे. इस प्रोजेक्ट की डेडलाइन दिसंबर 2024 है, लेकिन वित्तीय गड़बड़ियों के कारण प्रोजेक्ट अधर में लटक गया.

लगे थे ये आरोप

  • प्रोजेक्ट में 15 लाख रुपए का गलत तरीके से उपयोग या भुगतान हुआ.
  • नियमों के खिलाफ विभागीय प्रमुख को हटाकर डीन विज्ञान संकाय को प्रिक्योरमेंट कमेटी में शामिल किया गया.
  • Procurement Committee के सदस्य नहीं होने के बावजूद 5 शिक्षकों को शामिल किया गया.
  • बैठक के मिनट्स में “बुक्स और सब्सक्रिप्शन एजेंसी” के नामों की एंट्री कर 87,337 रुपए का भुगतान किया गया.
  • 150 रजिस्ट्रेशन किट की जगह 250 किट खरीदने का आदेश दिया.

ऑडिट रिपोर्ट में हुआ था खुलासा

  • बिना कोटेशन लिए गोविंद भवन गेस्ट हाउस में प्रतिभागियों को ठहराने के लिए 23,030 रुपए के बिल पास किए गए.
  • 1.59 लाख के 6 बिल्स को टुकड़ों में विभाजित कर भुगतान किया गया.
  • अन्य मामलों में लाखों रुपए का गबन सामने आया.

प्रिंसिपल के खिलाफ कार्रवाई

इन अनियमितताओं के कारण निमाली सिंह को सस्पेंड कर दिया गया है. उनकी जगह प्रोफेसर पायल लोढ़ा को नया प्रिंसिपल नियुक्त किया गया है. Rajasthan University में यह मामला वित्तीय अनुशासन और प्रशासनिक पारदर्शिता पर गंभीर सवाल खड़ा करता है.

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