Rajim Kumbh Kalp Mela: छत्तीसगढ़ में राजिम कुंभ कल्प का आयोजन 12 फरवरी से 26 फरवरी तक होने जा रहा है. इस बार राजिम कुंभ महोत्सव का मेला स्थल बदला जाएगा. जिला प्रशासन के सूत्रों के अनुसार मेला स्थल अब संगम स्थल में नहीं, बल्कि वहां से 750 मीटर दूर लक्ष्मण झूला और चौबे बांधा के बीच लगेगा.

राजिम कुंभ मेला भारत के आदिवासियों के लिए महत्वपूर्ण मेला रहता है. माघ पूर्णिमा से महाशिवरात्रि तक पंद्रह दिनों का मेला लगता है.

कहां लगता है राजिम कुंभ मेला : यह मेला छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर से 45 किलोमीटर दूर सोंढूर, पैरी और महानदी नदी के त्रिवेणी संगम पर लगता है. इस मेले में छत्तीसगढ़ को देशभर में धर्म, कला और संस्कृति की त्रिवेणी के रूप में ख्यात कर दिया है और एक नई पहचान भी दी है.

सच कहें तो अनादि काल से छत्तीसगढ़ियों के विश्वास और पवित्रता का दूसरा नाम है राजिम-कुंभ. कहते हैं कि छत्तीसगढ़ राज्य के राजिम क्षेत्र राजिम माता के त्याग की कथा प्रचलित है और भगवान कुलेश्वर महादेव का आशीर्वाद इस क्षेत्र को प्राप्त है. दोनों ही कारणों से राजिम मेला आयोजित होता है.

छत्तीसगढ़ का प्रयाग (Rajim Kumbh Kalp Mela)

छत्तीसगढ़ का प्रयाग कहे जाने वाला राजिम धर्म, अध्यात्म, परंपरा और संस्कृति का संगम है. राजिम में तीन नदियों का संगम है, लिहाजा इसे भी त्रिवेणी संगम के नाम से लोग पुकारते हैं. राजिम कुंभ कल्प का आगाज शनिवार को त्रिवेणी संगम में हो चुका है. माघ पूर्णिमा से 15 दिन तक मेला लगता है.