अमित पांडेय, डोंगरगढ़। जिले में अवैध शराब कारोबार के खिलाफ पुलिस ने बड़ी कार्रवाई करते हुए एक सुनियोजित रैकेट का पर्दाफाश किया है। आरोपी मध्यप्रदेश में निर्मित शराब पर छत्तीसगढ़ आबकारी के नकली स्टीकर लगाकर बाजार में उतारने की तैयारी कर रहे थे, लेकिन पुलिस ने बिक्री से पहले ही उनके मंसूबों पर पानी फेरते हुए उन्हें धर दबोचा। इस कार्रवाई में डोंगरगढ़ थाना पुलिस और सायबर सेल की संयुक्त टीम ने 62.64 बल्क लीटर नॉन ड्यूटी पेड शराब, नकली स्टीकर, लेबल और नकद राशि जब्त की है।

गुप्त सूचना पर पुलिस ने दी दबिश

पुलिस को 17 दिसंबर को पुख्ता सूचना मिली थी कि ग्राम मुसराखुर्द में शीतला मंदिर के पास स्थित एक मकान में अवैध शराब का भंडारण कर उसे बाजार में खपाने की तैयारी की जा रही है। सूचना की तस्दीक के बाद वरिष्ठ अधिकारियों के मार्गदर्शन में एक विशेष टीम गठित की गई। टीम ने बताए गए स्थान पर दबिश देकर मौके से बीरबल वर्मा और चन्द्रकांत उर्फ सोनू सेन को हिरासत में लिया।

पूछताछ के दौरान मिले सुरागों के आधार पर पुलिस ने तीसरे आरोपी राजपाल सिंह भाटिया, निवासी देवरी, महाराष्ट्र, को भी गिरफ्तार कर लिया।

नकली स्टीकर और शराब की बड़ी खेप बरामद

मकान की तलाशी लेने पर पुलिस को 161 नग जम्मू स्पेशल व्हीस्की और 187 नग बॉम्बे स्पेशल व्हीस्की बरामद हुई। जांच में सामने आया कि शराब की बोतलों पर छत्तीसगढ़ आबकारी के नकली स्टीकर चिपकाए गए थे, जबकि ढक्कनों पर मध्यप्रदेश आबकारी की सील लगी हुई थी। इससे स्पष्ट हुआ कि शराब को अवैध तरीके से छत्तीसगढ़ में खपाने की पूरी योजना बनाई गई थी।

इसके अलावा पुलिस ने बिना नंबर की टीवीएस जुपिटर मोपेड, मोबाइल फोन, भारी मात्रा में नकली स्टीकर, विभिन्न ब्रांडों के लेबल और उन्हें चिपकाने में इस्तेमाल होने वाले उपकरण भी जब्त किए हैं।

संगठित नेटवर्क का खुलासा

जांच में सामने आया कि आरोपी चन्द्रकांत उर्फ सोनू सेन के पास से 1860 नकली आबकारी स्टीकर बरामद हुए थे। पूछताछ में आरोपियों ने स्वीकार किया कि राजपाल सिंह भाटिया द्वारा शराब और नकली स्टीकर की आपूर्ति की जाती थी और पूरे नेटवर्क के माध्यम से अवैध बिक्री की योजना थी। हालांकि, पुलिस की सतर्कता के चलते यह साजिश समय रहते नाकाम हो गई।

पुराना आपराधिक रिकॉर्ड भी सामने आया

पुलिस के अनुसार मुख्य आरोपी के खिलाफ पहले से ही आबकारी अधिनियम के तहत चार प्रकरण दर्ज हैं। इस पूरे मामले को संगठित अपराध के रूप में भी जांच के दायरे में लिया गया है, ताकि रैकेट से जुड़े अन्य लोगों तक पहुंच बनाई जा सके।

आरोपियों के खिलाफ संबंधित धाराओं के तहत अपराध पंजीबद्ध कर उन्हें न्यायालय में पेश किया गया है। पुलिस अधिकारियों ने स्पष्ट किया है कि जिले में अवैध शराब और संगठित अपराध के खिलाफ अभियान आगे भी पूरी सख्ती के साथ जारी रहेगा।

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