रायपुर। राजधानी के पुलिस परेड ग्राउंड, सिविल लाइन में हेल्पिंग हैंड्स क्लब फाउंडेशन द्वारा रक्षाबंधन के पावन पर्व पर एक विशेष कार्यक्रम राखी विद रक्षक, डोरी प्रेम का आयोजन किया गया. इस आयोजन में बीएसएफ, आईटीबीपी, छत्तीसगढ़ पुलिस, सेंट्रल फोर्स और ओडिशा के जवानों ने हिस्सा लिया. कार्यक्रम में बहनों ने जवानों को राखी बांधकर उनकी कलाई सजाई और उनके प्रति अपनी कृतज्ञता और प्रेम व्यक्त किया.

जब आप जागते हैं, तभी हम सो पाते हैं

कार्यक्रम में उपस्थित बहनों ने भावुक होकर कहा, “जब आप जागते हैं, तभी हम चैन से सो पाते हैं. आपकी ड्यूटी के कारण हम सुरक्षित रहते हैं.

हर त्योहार में घर से दूर रखते हैं जवान

हेल्पिंग हैंड्स क्लब फाउंडेशन के आयोजक डॉ. लाल उमेद ने कहा हमारे जवान अपनी ड्यूटी के कारण परिवार से दूर रहते हैं. जब वे देश की सुरक्षा में तैनात रहते हैं, तब हम सभी सुरक्षित त्योहार मना पाते हैं. जवानों के मन में घर की याद जरूर आती है, और इस भावना को हम सभी समझ सकते हैं. उन्होंने साइबर अपराध और नशे जैसी बढ़ती समस्याओं पर ध्यान देने की आवश्यकता पर जोर देते हुए कहा, सतर्कता और सावधानी ही हमारी सबसे बड़ी सुरक्षा है.

कार्यक्रम में शामिल आईपीएस राजेश कुकरेजा ने कहा, “हेल्पिंग हैंड्स ने जवानों को राखी बांधकर पूरे भारत के पुलिस परिवार को सम्मानित किया है. हमारी जिम्मेदारी है कि हम हर बहन की सुरक्षा सुनिश्चित करें. मैं वचन देता हूं कि हम सभी बहनों की रक्षा करेंगे. उन्होंने हेल्पिंग हैंड्स की पहल की सराहना करते हुए कहा कि यह उन जवानों के लिए विशेष है जिनके पास अपनी बहनें नहीं हैं और यह आयोजन उनकी इस कमी को पूरा करता है.

हेल्पिंग हैंड्स का मिशन मानव सेवा ही माधव सेवा

हेल्पिंग हैंड्स के संरक्षक मनोज गोयल ने कहा, हमारा उद्देश्य है कि हमारे जवान भाई, जो हमारी सुरक्षा के लिए घर से दूर रहते हैं, उनके साथ रक्षाबंधन का यह पर्व मनाया जाए. पिछले साल भी हमने यह आयोजन किया था और इस साल भी हम इसे और भव्यता के साथ मना रहे हैं. हमारा मकसद है मानव सेवा ही माधव सेवा.

महिला विंग की भावनाएं

महिला विंग की अध्यक्ष बबीता अग्रवाल ने कहा जब हम जवानों को राखी बांधते हैं, तो उनके चेहरे पर जो मुस्कान आती है, वह हमें बहुत सुकून देती है. हम कोशिश करते हैं कि जवानों को उनकी बहनों की कमी न खले और उन्हें घर की याद न आए.

सुरक्षा और जागरूकता पर जोर

कार्यक्रम में साइबर अपराध और नशे जैसी चुनौतियों पर भी चर्चा हुई. डॉ. लाल उमेद ने विशेष रूप से बहनों से आग्रह किया कि वे वास्तविक दुनिया में सतर्क रहें और सावधानी बरतें. यह आयोजन न केवल रक्षाबंधन का उत्सव था, बल्कि समाज में सुरक्षा और जागरूकता के प्रति एक संदेश भी दे गया.